Madhya Pradesh Elections 2023: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव की कमान अप्रत्यक्ष रूप से केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह संभाल चुके हैं. सूबे में शाह के लगातार हो रहे दौरे और संगठन में कसावट की उनकी कवायद को इसी रूप में देखा जा रहा है. ग्वालियर में रविवार (20 अगस्त) को प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में जहां एक ओर उन्होंने पुराने कार्यकर्ताओं को इमोशनल डोज दिया,वहीं उसके बाद संगठन के स्थानीय जिम्मेदार पदाधिकारियों के साथ बंद कमरे की बैठक में सीधा कह दिया कि ऐसी वर्किंग से चुनाव नहीं जीता जा सकता है.
अमित शाह ने क्या निर्देश दिए हैं
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ग्वालियर-चंबल के राजनीतिक हालात और जमीनी हकीकत का पूरा फीडबैक लेकर आए थे. होटल आदित्य में बंद कमरे बैठक में ग्वालियर-चंबल संभाग के जिलाध्यक्षों को फटकार लगाते हुए उन्होंने कहा कि आप लोगों की वर्किंग ऐसी ही रही तो संभाग जीतना मुश्किल होगा. बताया जा रहा है कि उन्होंने जिला अध्यक्षों से मतदान केंद्र के विषय में जानकारी मांगी थी, लेकिन उन्हें जो जानकारी मिली उससे वे बेहद नाराज हुए.
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का सबसे ज्यादा जोर बूथ मैनेजमेंट पर था. उन्होंने कहा कि बूथ के कार्यकर्ताओं को बीमा एजेंट की तरह काम करना चाहिए.उन्हें मतदाताओं तक बार-बार जाकर सरकार की योजनाओं के बारे में बताना चाहिए.चुनाव बूथ मैनेजमेंट से ही जीते जाते हैं.
अमित शाह की चिंता क्या है
मध्य प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार देव श्रीमाली कहते हैं कि शाह के ग्वालियर दौरे को मुख्यतः पांच बिंदुओं से समझा जा सकता है.
- केंद्रीय गृहमंत्री ने इशारों-इशारों में माना की ग्वालियर-चंबल में पार्टी के लिए मुश्किलें हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस यह प्रचारित रही है कि वह चुनाव जीतने वाली है.अब कार्यकर्ताओं का यह दायित्व है कि वे जनता के बीच जाकर कांग्रेस के इस प्रचार का जवाब दें.
- गोपनीय बैठक के दौरान गृह मंत्री अमित शाह में यह इशारा भी किया कि कार्यकर्ताओं में व्यक्तियों से नाराजगी है, लेकिन पार्टी और सरकार से कोई नाराजगी नहीं है.इसलिए पार्टी का हित ऊपर रखकर काम करें.
- केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा कि योजनाओं से चुनाव नहीं जीता जाता है, बल्कि योजनाओं के बारे में बताकर चुनाव जीत सकते हैं.संगठन के लोगों को जनता के बीच बार-बार जाकर योजनाओं के बारे में बताना होगा.
- गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि चुनाव जीतने के लिए पन्ना प्रमुख बेहद महत्वपूर्ण होते हैं. उन्होंने अपना उदाहरण देते हुए कहा कि एक जनप्रतिनिधि के नाते वे काम के मामले में बेहद पीछे हैं, लेकिन उनका बूथ मैनेजमेंट स्ट्रांग है. इसलिए चुनाव जीत जाते हैं.शाह ने कहा कि पन्ना प्रमुख को बीमा एजेंट की तरह काम करना चाहिए.मतदाताओं तक अपनी बात रखने बार-बार जाना चाहिए और उसके फीडबैक से संगठन को हमेशा अवगत कराते रहना चाहिए.
- केंद्रीय मंत्री अमित शाह के चुनिंदा लोगों के साथ होटल में अलग से बैठक लेने की बड़ी वजह ग्वालियर-चंबल में संगठन का कमजोर होना माना जा रहा है.शाह ने नाराजगी जताते हुए यह तक कह दिया कि ग्वालियर-चंबल संभाग के जिलाध्यक्षों के वर्तमान कामकाज को देखते हुए चुनाव जीतना मुश्किल है.
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