Madhya Pradesh Elections 2023: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने बुधवार रात प्रदेश बीजेपी (BJP) के नेताओं के साथ बैठक की.बैठक रात 8.30 बजे से शुरु होकर देर रात 12.10 बजे तक चली.इस बैठक में शाह ने साफ कर दिया कि प्रदेश में सीएम और अध्यक्ष नहीं बदले जाएंगे.सीएम शिवराज (CM Shivraj Singh Chouhan) और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा (VD Sharma) के नेतृत्व में ही चुनाव लड़ा जाएगा. उन्होंने कहा कि सभी को मिलकर चुनाव लड़ना होगा. खास बात यह रही कि बैठक में शाह ने नेताओं के दो-दो ग्रुपों से अलग-अलग मुलाकात की.बैठक के दौरान अमित शाह ने 11 जुलाई को हुई बैठक के दौरान बताए गए कामों की समीक्षा भी की. 


बीजेपी कार्यालय में चली बैठक में गृहमंत्री शाह ने एक साथ बैठक ना कर 2-2 नेताओं का ग्रुप बनवाया और उनसे अलग-अलग बैठक की. मालवा और निमाड़ की सीटों पर कैलाश विजयवर्गीय से बात की तो वहीं ग्वालियर-चंबल की सीटों पर नरेंद्र सिंह तोमर और ज्योतिरादित्य सिंधिया से बात की. विंध्य और बुंदेलखंड के साथ-साथ महाकौशल की सीटों पर प्रह्लाद पटेल से बात हुई. 


समितियों के नामों पर लगी मुहर
बैठक के दौरान बीजेपी चुनाव प्रबंधन समिति में शामिल किए जाने वाले नामों को लेकर चर्चा के साथ साथ पार्टी के आगामी कार्यक्रमों को लेकर भी बात हुई.बैठक में चुनाव प्रबंधन वाली समितियों और उनमें शामिल होने नामों पर अमित शाह ने मुहर लगा दी है.बताया जा रहा है कि 1-2 दिनों में इन समितियों की घोषणा कर दी जाएगी.
 
विजय संकल्प यात्रा निकलेंगी
बैठक में निर्णय लिया गया कि मध्य प्रदेश में विजय संकल्प यात्रा निकाली जाएगी. इस यात्रा की शुरुआत पांच सितंबर से होगी, जबकि समापन 20 सितंबर को होगा. बताया जा रहा है कि यात्रा के समापन कार्यक्रम में केंद्र के बड़े नेता शामिल हो सकते हैं.बता दें वर्तमान में मध्य प्रदेश बीजेपी द्वारा संत रविदास समरसता यात्रा निकाली जा रही है.इस यात्रा का समापन 12 अगस्त को होगा.


अमित शाह ने बीजेपी एमपी इकाई से दो टूक कहा है कि हर हाल में पार्टी के नाराज नेताओं को मनाना होगा. उनकी नाराजगी दूर करने के साथ यह सन्देश हर कार्यकर्ता और नेता तक पहुंचना है कि एकजुट होकर लड़ने पर ही जीत मिलेगी. सरकार बनी तो सबका ध्यान भी रखा जाएगा.शाह ने बड़े नेताओं को भी कार्यकर्ताओं के बीच जाकर उनकी नाराजगी दूर करने को कहा, क्योंकि आलाकमान को ऐसा लग रहा है की बड़े नेता और कार्यकर्ता एक-दूसरे से डिस्कनेक्ट हो गए हैं. नाराज और असंतुष्ट नेताओं को मनाने की म्मिेदारी पहले स्थानीय नेताओं की रहेगी लेकिन उनसे बात नहीं बनी तो फिर बड़े नेताओं को हस्तक्षेप करना होगा.इनमें प्रदेश अध्यक्ष और सीएम से लेकर कैलाश विजयवर्गीय और उमा भारती तक को असंतुष्टों और नाराज नेताओं को मनाने की जिम्मेदारी दी जाएगी.


सिफारिश से नहीं मिलेगा टिकट
बैठक में शाह ने बीजेपी नेताओं को साफ कर दिया कि सिफारिश से टिकट नहीं मिलेगी, बल्कि परफॉर्मेंस के आधार पर ही टिकट वितरण होगा. जिताऊ प्रत्याशी के चयन में पूर्व मंत्री, विधायक या नए चेहरे पर भी पार्टी दांव चल सकती है.इसके अलावा अमित शाह ने नेताओं को टिकट वितरण में परिवारवाद से दूर रहने की सलाह भी दी है.दरअसल इसके पीछे बड़ी वजह है कि शिवराज सरकार के कई मंत्रियों समेत सत्तारूढ़ दल के विधायकों की स्थानीय स्तर पर परफार्मेंस रिपोर्ट खराब है. इसके बारे में उन्हें खुद सीएम शिवराज सिंह चौहान वन-टू-वन चर्चा कर के बता चुके हैं. बैठक में अमित शाह ने साफ कर दिया है कि जिनकी परफॉर्मेंस खराब है, उनका टिकट काटा जा सकता है.


51 फीसदी वोट का लक्ष्य
अमित शाह ने प्रदेश के बीजेपी नेताओं को टॉस्क दिया है कि हमें हर हाल में 51 फीसदी वोट हासिल करने के लक्ष्य के साथ मैदान में उतरना होगा. उन्होंने कहा कि कमजोर सीटों पर लगातार बीजेपी के बड़े नेता जाएं और माहौल को बीजेपी के पक्ष में बनाने का भरपूर प्रयास करें. 


अमित शाह ने बैठक में 13 जनप्रतिनिधियों के साथ मंथन किया.इनमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश के चुनाव प्रभारी भूपेंद्र यादव, चुनाव प्रबंधन समिति संयोजक नरेंद्र सिंह तोमर, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, केन्द्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल, बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा, बीजेपी प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव, संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा, सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश, महामंत्री बीएल संतोष, प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा सहित अन्य नेता मौजूद रहे. 


विधानसभा चुनाव में अब 3-4 महीने का समय ही शेष रह गया है.ऐसे में बीजेपी का केन्द्रीय नेतृत्व इसे काफी गंभीरता से ले रहा है. यही कारण है कि तीन दिन बाद यानि 30 जुलाई को अमित शाह का फिर मध्य प्रदेश दौरा है.वो 30 जुलाई को बुरहानपुर और उज्जैन दौरे पर आ रहे हैं. बुरहानपुर में बीजेपी के नए दफ्तर का भूमिपूजन होना है, जबकि उज्जैन में बाबा महाकाल के दर्शन करने शाह आएंगे.


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