Madhya Pradesh Elections 2023: कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge) 13 अगस्त को सागर में एक जनसभा को संबोधित करेंगे. सागर जिले की सीमाएं सात जिलों से लगती हैं. इनमें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित 10 सीटें हैं. इनमें से नौ सीटें अभी बीजेपी के पास हैं. वहीं कांग्रेस के पास एक सीट है. इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए ये 10 सीटें काफी महत्वपूर्ण हैं. इसे देखते हुए ही खरगे का कार्यक्रम तय किया गया है.


अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीटों पर कांग्रेस का प्रदर्शन


इन 10 सीटों पर बीजेपी पिछले चार चुनावों से जीत दर्ज कर रही है. ऐसे में इन सीटों को जीतना कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती है. मध्य प्रदेश में कांग्रेस अध्यक्ष की यह पहली सभा होगी. खरगे के गृह राज्य कर्नाटक में कांग्रेस को मिली जीत से पार्टी उत्साहित है. इसलिए खरगे की सभाएं एमपी के हर संभाग में कराने की तैयारी है. इसकी शुरुआत सागर से हो रही है. 


सागर जिले से अशोकनगर, नरसिंहपुर, दमोह, छतरपुर, टीकमगढ़, विदिशा और रायसेन की सीमाएं लगती हैं. खरगे की सभा के जरिए कांग्रेस की कोशिश इन जिलों की 36 सीटों को साधने की है. अबी सागर, दमोह, छतरपुर और टीकमगढञ की 17 सीटों में से 10 पर कांग्रेस और सात पर बीजेपी का कब्जा है.लेकिन अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीटें बीजेपी के कब्जे में हैं.


बुंदेलखंड में कांग्रेस की हालत


वहीं अगर बुन्देलखंड की बात करें तो यहां के सात जिलों सागर, दमोह, छतरपुर, पन्ना, टीकमगढ़ निवाड़ी में कुल 26 विधानसभा सीटें हैं.बीजेपी ने 2018 के चुनाव में इनमें से 17 सीटें जीती थीं. एक सीट बसपा और एक सीट सपा के खाते में गई थी. इनमें से टीकमगढ़ और निवाड़ी दो ऐसे जिले हैं जहां की पांचों सीटों पर बीजेपी का कब्जा है. दो दशक पहले तक कांग्रेस के प्रभाव वाले बुन्देलखंड में इन दिनों कांग्रेस सबसे कमजोर स्थिति में हैं. 


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