Madhya Pradesh Elections 2023: चुनाव आयोग ने विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारों के खर्च की सीमा 28 लाख रुपये से बढ़ाकर 40 लाख रुपये कर दी है. इस साल के अंत में मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम विधानसभा के चुनाव होने हैं. माना जा रहा है कि अकेले मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में इस बार 25 सौ करोड़ रुपये से ज्यादा का खर्च होंगे. सीमा से ज्यादा खर्च और अवैध धन के प्रवाह पर जांच एजेंसियां नजर रखे हुए हैं.
चुनाव आयोग ने मध्य प्रदेश के 52 जिलों के कलेक्टर और एसपी से चुनाव तैयारियों की चर्चा के बाद आयकर विभाग के अफसरों से चर्चा की. आयोग ने अधिकारियों से खर्च पर निगरानी रखने को कहा है. निर्वाचन आयोग की दिल्ली से आई टीम ने मुख्य सचिव,डीजीपी और अन्य अधिकारियों से चर्चा की. बैठक में सामने आया कि 2018 में हुए सीजर को आधार नहीं बनाया जाए.गुजरात और कर्नाटक में हुए चुनाव में बीते पांच सालों में चुनाव में जब्ती 10 गुना बढ़ी है.
कब हो सकती है चुनावों की घोषणा
मध्य प्रदेश की 15वीं विधानसभा का गठन 13 दिसंबर 2018 को हुआ था. इस लिहाज से 13 दिसंबर के पहले 16वीं विधानसभा का गठन जरूरी है. आयोग का कमीशन जल्द मप्र आ सकता है.माना जा रहा है कि छह से आठ अक्टूबर के बीच चुनाव कार्यक्रम जारी हो जाएगा.वोटिंग 25 से 30 नवंबर के बीच संभावित है.
चुनावों में अवैध धन का उपयोग न हो इसलिए सतर्कता बरती जा रही है.आयोग ने बुधवार को आयकर, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), नारकोटिक्स, सेंट्रल जीएसटी, स्टेट जीएसटी, एयरपोर्ट अथॉरिटी, स्टेट सिविल एविएशन, सीआईएसएफ और आरपीएफ अफसरों के साथ बैठक की.पहली बार स्टेट एविएशन को कहा गया है कि प्रदेश के किसी भी हवाई पट्टी पर चार्टर्ड विमान आता है तो इसकी जानकारी इनकम टैक्स विभाग को देनी होगी.
अधिकारियों के ट्रांसफर
मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस ने कहा कि चुनाव आयोग के जो भी निर्देश होंगे, उनका पालन किया जाएगा. आयोग के निर्देशानुसार तीन साल से जो भी अधिकारी एक जगह पर हैं, उनके ट्रांसफर और होम डिस्ट्रिक्ट वाले अफसरों के ट्रांसफर अन्य स्थानों पर 31 जुलाई तक कर दिए जाएंगे. डीजीपी सुधीर सक्सेना ने कहा कि बालाघाट, डिंडौरी और मंडला जिले में अतिरिक्त बल की जरूरत होगी. इस पर चुनाव आयोग ने बल देने को कहा.
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