Madhya Pradesh Elections 2023: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले लगता है जैसे सौगातों की बरसात का मौसम आ गया हो. विपक्षी दल कांग्रेस जहां सत्ता में आने पर सौगात की गारंटी दे रहा है, वहीं सत्ता पक्ष सौगात पर सौगातों की बरसात कर रहा है. आलम यह है कि विपक्षी दल वादे कर रहा है तो सत्ता पक्ष दांव चल रहा है.


राज्य में इसी साल नवंबर माह में विधानसभा के चुनाव हो जाएंगे और दिसंबर में नई सरकार का गठन भी हो जाएगा. दोनों प्रमुख राजनीतिक दल कांग्रेस और BJP सत्ता को हाथ में आने से नहीं चुकने देना चाहते. इसके लिए मतदाताओं को लुभाने, भरमाने और अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए सियासी दांव पर दांव चल जा रहे हैं.


कांग्रेस चुनाव से काफी पहले प्रदेशवासियों को वारंटी देती आ रही है कि अगर वह सत्ता में आएगी तो क्या करेगी, जिसमें किसने की कर्ज माफी, महिलाओं के लिए नारी सम्मान योजना जिसमें 1500 रुपए महीना दिए जाएंगे, गैस सिलेंडर 500 रुपए में, और कर्मचारियों के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम प्रमुख हैं.


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कांग्रेस गारंटी दे रही है
कांग्रेस जहां एक तरफ गारंटी दे रही है, वहीं शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने महिलाओं को लाडली बहना योजना के जरिए 1000 रुपये महीना देने की शुरुआत की और वह बढ़कर अब 1250 रुपए हो गई है. वहीं इसे बढ़ाकर 3000 प्रति माह तक ले जाने का वादा है. इतना ही नहीं किसानों के कर्ज पर लगने वाले ब्याज को माफ कर दिया गया है. बिजली बिलों में भी रियायत दी गई है. इसके अलावा लाड़ली बहना को गैस सिलेंडर 450 रुपए में दिया जाने लगा है.


एक तरफ जहां BJP सरकार तमाम योजनाओं को अमली जामा पहनाने में लगी है, वहीं कांग्रेस सरकार पर हमलावर है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का कहना है कि लाडली बहना योजना साधारण योजना नहीं है, बहनों के सम्मान के आगे 15,000 करोड़ रुपए भी कुछ नहीं हैं. किसानों को शून्य ब्याज पर कर्ज BJP की सरकार ने दिया. प्रदेश में निवेश बढ़ रहा है, जिससे व्यापार और उद्योगी बढ़ रहा है.


कमलनाथ ने बल्लभ भवन को भ्रष्टाचार का अड्डा कहा
वहीं कमलनाथ ने बल्लभ भवन को भ्रष्टाचार का अड्डा कहा है. उन्होंने कहा, हमारी सभी योजनाओं को बंद कर दिया, महिलाओं को मिलने वाले 16 हजार रुपए बंद कर दिए, बेटियों की शादी पर पैसे नहीं दिए, बुजुर्गों की तीर्थ दर्शन योजना बंद कर दी थी.


एक तरफ जहां BJP और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस पर हमले किए, वहीं कमलनाथ ने भी शिवराज सिंह चौहान पर हमले बोले हैं. कमलनाथ का कहना है कि चुनाव करीब आते ही शिवराज को महिलाओं, युवाओं, कर्मचारियों, किसानों की याद आने लगी है. झूठ और घोषणाओं की मशीन दोगुनी रफ्तार से चल रही है. प्रदेश की जनता जान गई है, BJP और शिवराज को. अब तो उनकी सामूहिक विदाई का वक्त आ गया है.


राजनीति विश्लेषकों का मानना है कि चुनाव के मौसम में वैसे भी सत्ताधारी और विपक्षी दल दोनों वादे करते हैं और अपनी-अपनी उपलब्धियां बताते हैं, मगर इस बार विपक्षी दल वादे कर रहा है और सत्ता पक्ष उस पर दांव चला रहा है. कुल मिलाकर सत्ताधारी दल विपक्ष के उन वादों को पूरा कर रहा है, जिसका वादा विपक्ष सत्ता में आने पर पूरा करने का भरोसा दिला रहे हैं. यही कारण है कि राज्य का विधानसभा चुनाव दिलचस्प और रोचक होता जा रहा है.