Madhya Pradesh Elections 2023: इंदौर की सियासत में उस वक्त भू चाल आ गया जब ये खबर चली कि भाजपा के कद्दावर नेता भंवर सिंह शेखावत बीजेपी छोड़ रहे हैं. खबरें यहां तक सुनी गईं कि शेखावत बीजेपी को छोड़कर अब कांग्रेस ज्वाइन करने वाले हैं. खुद उन्हें कमलनाथ कांग्रेस की सदस्यता दिलाएंगे. यह खबर फैलते ही इंदौर संभाग सहित पूरे मध्य प्रदेश में सियासी हलचल बढ़ गई. वहीं इस खबर का खंडन करते हुए शेखावत ने कहा कि बीजेपी छोड़कर वे कहीं नहीं जा रहे हैं और कमलनाथ ने उनसे संपर्क भी नहीं किया है.
क्या कमलनाथ ने संपर्क किया था?
शुक्रवार सुबह सोशल मीडिया पर भंवर सिंह शेखावत को लेकर एक पोस्ट वायरल हुई. ये पोस्ट कहां से चली ये तो पता नहीं लगा लेकिन लोगों ने इसे खूब शेयर किया. चंद मिनटों में ये पोस्ट बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं के पास भी पहुंची. वहां बीजेपी के सीनियर लीडर्स ने भंवर सिंह शेखावत से इस बात की पुष्टि करना चाही. शेखावत के पास जिस भी नेता का फोन आया उन्होंने एक ही बात कही कि पोस्ट में जो लिखा है कि वे कांग्रेस ज्वाइन करने वाले हैं, ऐसा कुछ नहीं है. उन्होंने कहा कि ना ही उनका कांग्रेस में जाने का इरादा है और ना ही कमलनाथ या अन्य किसी नेता ने उनसे संपर्क किया है.
बतौर सबूत शेखावत ने जारी की फोटो
भंवर सिंह शेखावत को लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट वायरल होने लगी तो उन्होंने बीजेपी के नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे के साथ खड़े हुए अपनी एक फोटो जारी करवाई. उन्होंने इस पोस्ट में लिखा कि मेरे साथ मेरे पार्टी के नगर अध्यक्ष खड़े हैं. मैने ना तो कहा है कि मैं बीजेपी छोड़ रहा हूं और ना ही कमलनाथ ने मुझसे संपर्क किया है. भंवर सिंह शेखावत ने कहा कि पार्टी टिकट देगी तो ठीक, नहीं तो घर बैठे हुए हैं. मैं आगे होके कांग्रेस के पास नहीं जाऊंगा. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि मैंने पहले भी कहा था कि मैं अपनी पार्टी से टिकट मांगूंगा और पार्टी टिकट नहीं देगी तो कांग्रेस में जाने के बारे में विचार करुंगा. अभी तो सब फालतू बातें हैं. विदित है कि शेखावत बदनावर विधानसभा सीट से प्रबल दावेदार थे. वे चुनाव तो लड़े लेकिन बीजेपी के टिकट पर किसी और के लड़ने ले वो हार गए थे.दूसरी बार कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए राजवर्धन सिंह दत्तीगांव को बीजेपी ने टिकट दिया और मंत्री बना दिया, तब से वे पार्टी से नाराज चल रहे हैं.
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