नाम बदलने के लिए मशहूर उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की राजनीतिक कवायदे मध्य प्रदेश में भी नजर आने लगी है. मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में एक बार फिर से गांव और कस्बों के नाम को बदलने को लेकर सदन में राजनीति गरमा गई है. अवसर था विधानसभा सत्र का, जिसमें मध्य प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के पांचवें दिन जमकर हंगामा भी हुआ.


शहर या कस्बे का नाम बदलने का मुद्दा पहली बार पहुंचा सदन


मध्य प्रदेश में किसी शहर या कस्बे के नाम को बदलने को लेकर मुद्दा पहली बार सदन पहुंचा था. भाजपा (BJP) विधायक अनिरूद्ध मारू ने मंदसौर क्षेत्र के 3 गांव के नाम बदलने के लिए विधानसभा में अशासकीय प्रस्ताव पेश किया जिनके चलते विपक्ष ने सदन में हंगामा किया.


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नीमच की मनासा सीट से विधायक मारू ने मंदसौर के 3 गांव कायमपुर, रहीमगढ़ और इशाकपुर का नाम बदलने के लिए एक व्यक्तिगत प्राइवेट प्रस्ताव सदन में रखा. प्रस्ताव में उन्होंने मांग कि है कि जनता की मांग पर रहीमगढ़ को बजरंगगढ, इसाकपुर को ईश्वरपुर बालाजी और कायमपुर को कैलाशपुर किया जाए.


पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता गोविंद सिंह ने जताई आपत्ति 


इस बात का विरोध करते हुए पूर्व मंत्री और कांग्रेस के नेता गोविंद सिंह ने आपत्ति जताई और कहा कि भाजपा मध्य प्रदेश के अंदर एक गलत परंपरा को प्रारंभ कर रही है. जिसका नुकसान पूरे प्रदेश को उठाना पड़ेगा और कहीं ना कहीं यह सब गतिविधियां माहौल खराब करने से जुड़ी हैं.


इस विषय पर मध्य प्रदेश शिवराज सरकार के मंत्री हरदीप डंग ने कहा कि किसी भी शहर या कस्बे का नाम जनता की मांग के आधार पर बदला जा रहा है. और यदि जनता कोई मांग करती है तो उस पर कोई एतराज नहीं होना चाहिए. कांग्रेस को तो हर बात में केवल आपत्ति ही नजर आती है क्योंकि कांग्रेस को केवल राजनीति करना है.


मध्य प्रदेश के कई नेता अब उत्तर प्रदेश की राजनीति के समान अपना राजनीतिक कैरियर को एक नई दिशा देने के लिए जनता से जुड़े अलग-अलग किस्म के मुद्दों को सामने लाकर कुछ नया संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं.


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