MP Tiger State: दुनिया में बाघों की घटती संख्या को लेकर साल 2010 में 13 देशों ने एक हस्ताक्षर करके, हर साल 29 जुलाई को अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस (International Tiger Day) मनाने की घोषणा की. जिससे बाघों के वजूद पर मंडरा रहे खतरे को कम किया जा सके. अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस यानि शनिवार (29 जुलाई) के मौके पर मध्य प्रदेश के लिए एक अच्छी खबर आई है. सरकार ने बाघों की राज्यवार बाघों की संख्या जारी की है.
सरकार द्वारा जारी बाघों नई गणना के मुताबिक मध्य प्रदेश में बाघों की संख्या 785 तक पहुंच गई है. बाघों पर सरकार के द्वारा जारी आंकड़ों पर लोगों की मिली जुली प्रतिक्रिया मिल रही है. सीएम शिवराज सिंह चौहान मध्य प्रदेश के दोबार टाइगर स्टेट बनने खुशी का इजहार करते हुए कहा कि यह मध्य प्रदेश के लिए बहुत गर्व का दिन है. उन्होंने कहा कि राज्य एक बार फिर से टाइगर प्रदेश बन गया है. सीएम शिवराज ने कहा कि चार साल पहले जब मध्य प्रदेश में टाइगर की गणना हुई थी उस समय यहां सिर्फ 526 टाइगर थे, हालांकि ये संख्या बढ़कर अब 785 हो गई है.
बाघों की संख्या को लेकर प्रधान मुख्य वन संरक्षक ने क्या कहा?
सरकार द्वारा बाघों पर जारी आंकड़ों को लेकर मध्य प्रदेश के प्रधान मुख्य वन संरक्षक और वन बलों के प्रमुख आरके गुप्ता ने कहा कि, ये एक अच्छी खबर है. मध्य प्रदेश का टाइगर स्टेट का दर्जा बरकरार रहा है. उन्होंने कहा बाघों की बढ़ी जनसंख्या ये दर्शाता है कि प्रोटेक्टिव एरिया में सही ढ़ंग से सर्वे हुआ है. वाइल्ड लाइफ और दूसरे अधिकारियों ने इसके लिए काफी मेहनत की है, इसका ही ये परिणाम है.
जानें कहां कितने हैं बाघ?
दैनिक जागरण में छपी खबर के मुताबकि मध्य प्रदेश बाघों की जनसंख्या इजाफे के मामले में देश के अन्य राज्यों के मुकाबले आगे रहा है. सरकार द्वारा 2006 से 2022 के बीच बाघों के जारी आंकड़ों के मुताबिक, मध्य प्रदेश में 2006-2022 के बीच 485 बाघ बढ़े हैं. कर्नाटक इस मामले में दूसरे स्थान पर है, यहां वर्तमान में यहां कुल 563 बाघ हैं. जबकि देवों की भूमि उत्तराखंड बाघों की संख्या के मामले में तीसरे स्थान पर है. यहां 2006-22 के बीच 384 बाघ बढ़े हैं. महाराष्ट्र बाघों के मामलों में चौथे स्थान पर है, वर्तमान में यहां 444 बाघ हैं.
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