MP News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के बैतूल (Betul) जिले के जंगल में भालू (Bear) के बच्चे का रेस्क्यू किया गया है. नन्हे भालू का पैर एक पेड़ के तनों के बीच फंस गया था. पास ही मादा भालू भी घूम रही थी. रेस्क्यू के लिए सतपुड़ा टाइगर रिजर्व (Satpura Tiger Reserve) और वन विभाग (Forest department) की टीम तो पहुंची, लेकिन मादा भालू को पास देखकर बच्चे को रेस्क्यू करना आसान नहीं था. टीम ने आग जलाकर पहले मादा भालू को वहां से दूर किया. कड़ी मशक्कत के बाद तार और लकड़ी की मदद से पेड़ के तने को तोड़कर भालू के पैर को बाहर निकाला गया. मामला मुलताई में सदाप्रसन्न घाट के वन क्षेत्र का है.


ये थी परेशानी
स्थानीय बीट गार्ड ने परिक्षेत्र अधिकारी मुलताई अशोक राहंगडाले को जानकारी देते हुए बताया कि सूचना मिलने के बाद टीम मौके पर पहुंची. दिक्कत ये थी कि नन्हे भालू की मां वहीं आसपास ही घूम रही थी. वो बचाव टीम पर हमलावर भी हो सकती थी. ऐसे में एसटीआर की टीम को बुलाया गया. सतपुड़ा टाइगर रिजर्व की रेस्क्यू टीम के डॉक्टर गुरुदत्त शर्मा एवं उप वनमंडलाधिकारी मुलताई जीएल जौनवार, वन परिक्षेत्र अधिकारी मुलताई अशोक राहंगडाले की मौजूदगी में रेस्क्यू कर भालू को जंगल में छोड़ा गया. इस कार्य में 26 वनकर्मी और सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के 7 सदस्य शामिल थे.


ऐसे मुक्त हुआ भालु का बच्चा
टीम के लिए रेस्क्यू कठिन था भालू का बच्चा पेड़ के तने में फंस गया था. उसे निकालते समय उसके हमलावर होने की भी आशंका थी. यही नहीं उसके पास मौजूद मादा भालू के भी हमला करने का डर बना हुआ था. इसलिए टीम ने रेस्क्यू से पहले बाजा बजाया, इसके बाद मशाल जलाकर मादा भालू को दूर किया. लंबा तार पेड़ के तने पर बांधा गया. टीम ने इसे खींचकर पेड़ का एक तना तोड़ा, जिसके बाद भालू का बच्चा मुक्त हो सका.


ये भी पढ़ें :


MP News: मध्य प्रदेश के जबलपुर में 15 दिसंबर से बदल जाएगा बैंक खुलने और बंद होने का समय, जानिए क्या है नया टाइमटेबल


Ujjain News: उज्जैन में श्रद्धालुओं के लिए जी का जंजाल बना RTO का अभियान, जानें- क्या है पूरा मामला