CM Shivraj Singh Chouhan: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की राजधानी भोपाल (Bhopal) का तापमान मौसम के साथ-साथ विधानसभा के बजट सत्र (Budget Season) के दौरान भी बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है. सोमवार को विधानसभा के बजट सत्र के छठे दिन की कार्यवाही खत्म होते-होते मुख्यमंत्री ने किसानों और बिजली उपभोक्ताओं से जुड़ी हुई कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की. इस दौरान उन्होंने अपनी दूरगामी तैयारी को स्पष्ट कर दिया है. 


डिफाल्टर किसानों पर क्या बोले
पांच राज्यों में चुनाव के समाप्त होते ही लगता है बीजेपी और बीजेपी के नेता आगामी रणनीति में जुट गए हैं. आज विधानसभा सत्र के दौरान मुख्यमंत्री ने लगातार विपक्ष को आड़े हाथों लिया. वहीं कई महत्वपूर्ण घोषणाओं के माध्यम से एक बार फिर से अपनी किसान हितैषी छवि को दुरुस्त करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. मुख्यमंत्री ने अपने भाषण में कहा कि कांग्रेस की कर्ज माफी योजना के चलते कई सारे किसान डिफाल्टर हो गए थे. ब्याज के बोझ तले दब गए थे, लेकिन अब उन्हें चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है. डिफाल्टर किसानों पर जो ब्याज का बोझ है उसे अब मध्य प्रदेश की बीजेपी सरकार दूर करने जा रही है. 


बकाया बिल माफ
इसके साथ ही उन्होंने दूसरी बड़ी घोषणा करते हुए कोरोना काल में 88 लाख घरेलू बिजली उपभोक्ताओं पर बकाया 6000 करोड़ की बिल राशि को भी माफ करने की घोषणा कर दी है. अपने ही अंदाज में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने "समाधान योजना" के अंतर्गत उपभोक्ताओं द्वारा जमा किए गए 189 करोड रुपए की राशि का उल्लेख भी किया. उन्होंने कहा कि राशि जमा करने वाले उपभोक्ता ठगे हुए महसूस कर रहे हैं तो मैं आज ही फैसला लेता हूं. उनकी राशि को आगे वाले बिजली के बिलों में समायोजित कर दिया जाएगा. जिससे उनका बहुत बोझ दूर हो जाएगा.



विधायक निधि को लेकर घोषणा
वहीं विधायकों को क्षेत्र में विकास कार्यों से जुड़ी समस्याओं का समाधान करते हुए एक और मास्टर स्ट्रोक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने चल लिया है. साथ ही घोषणा की है कि विधायक निधि की राशि को दो करोड़ से बढ़ाकर अब तीन करोड़ कर दिया जा रहा है. जिसमें स्वेच्छा अनुदान की राशि की लिमिट भी 50 लाख तक बढ़ाई जाने की बात कही गई है. साथ ही साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हालही में हुए पांच राज्यों के चुनाव पर भी विपक्ष पर तंज कसते नजर आए. किसानों से जुड़ी हुई समस्याएं और बिजली उपभोक्ता से जुड़ी हुई समस्याओं के निराकरण में की गई घोषणाओं को मुख्यमंत्री के द्वारा आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारी के रूप में देखा जा रहा है. 



सीएम रहे हावी
जहां एक और सरकार में फ्रंट फुट पर खेल रहे शिवराज अपने पूरे फॉर्म में नजर आ रहे हैं वहीं उनके प्रतिद्वंदी और विपक्षी भी उनके इस मास्टर स्ट्रोक के जाल में फंसे हुए दिखाई देते हैं.  अपने फैसलों से जहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों के प्रति अपनी हमदर्दी को एक बार फिर से खुले तौर पर स्पष्ट कर दिया है. वहीं मुख्यमंत्री कन्यादान योजना को फिर से प्रारंभ करने की बात कहकर ग्रामीण अंचलों से सीधे जुड़ने की उनकी कवायद को स्पष्ट कर दिया है.


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