Bhopal News: ट्रेन के ट्रैक में फंसी लड़की को बचाने में महबूब ने लगा दी जान की बाजी, वो बिना शुक्रिया रोते हुए चली गई, Video वायरल
भोपाल में ट्रेन के ट्रैक के नीचे फंसी एक लड़की की जिंदगी बचाने के लिए एक शख्स ने जान की बाजी लगा दी. इस दौरान लड़की और शख्स के ऊपर से मालगाड़ी के 26 डिब्बे गुजरे लेकिन उन्हें खरोंच तक नहीं आई.
भोपाल: जाको राखे साइयां मार सके ना कोई... इस पंक्तियों के साथ मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के भोपाल (Bhopal) बरखेड़ी फाटक के पास एक शख्स ने अपनी जान की बाजी लगाकर एक लड़की की जिंदगी बचाई और इंसानियत की मिसाल पेश की. दरअसल लड़की रेलवे ट्रैक पर खड़ी मालगाड़ी के नीचे से ट्रैक पार कर रही थी. इस बीच मालगाड़ी चलने लगी तो लड़की घबरा गई. यह देख तुरंत महबूब खां जो भोपाल के एस बाग स्टेडियम के पास रहते है और कारपेंटर है उन्होंने लडकी की जान बचाने के लिए खुद की जिंदगी दांव पर लगा दी.
लड़की और जान बचाने वाले महबूब खां सुरक्षित
बता दें कि लड़की को ट्रैक के नीचे फंसा देखकर महबूब खां फौरन ट्रैक के नीचे घुस गए और लड़की को लेकर पटरियों के बीच लेट गए. हादसे में लड़की और जान बचाने वाले महबूब खां पूरी तरह सुरक्षित हैं. घटना 5 फरवरी की बताई जा रही है, जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है.
कारपेंटर महबूब का स्वयंसेवी संस्था ने किया सम्मान
अपनी जान की परवाह किए बिना लड़की की जिंदगी बचाने वाले कारपेंटर महबूब का शुक्रवार को एक स्वयंसेवी संस्था ने सम्मान किया. संस्था ने महबूब को उपहार स्वरूप मोबाइल फोन दिया है.महबूब ने बताया कि वह फर्नीचर बनाने का काम करते हैं. 5 फरवरी को सोनिया कॉलोनी से नमाज पढ़कर आ रहे थे. इसी दौरान बरखेड़ी फाटक के पास एक मालगाड़ी धीरे-धीरे आकर रूक गई. वह और उनका एक दोस्त मालगाड़ी के ऊपर से निकल गए.तभी एक लड़की नीचे से निकल रही थी. इसी दौरान मालगाड़ी चलने लगी. वह घबराकर चिल्लाने लगी तभी मैं तुरंत अंदर घुस गया और लड़की को लेकर पटरी पर लेट गया. नतीजा यह हुआ कि मालगाड़ी के 26 डिब्बे उनके पास से गुजर गए लेकिन ना तो लड़की और ना ही महबूब खां को खरोंच तक आई
वह रोते हुए चली गई शुक्रिया तक नहीं किया
ट्रेन के निकलने के बाद लड़की ट्रैक से उठकर अपने परिजन (पुरुष) के गले लगकर रोने लगी. वह रोते-रोते ही चली गई. उसने महबूब को शुक्रिया तक नहीं कहा. हालांकि महबूब का कहना है उस लड़की को लेकर कोई नाराजगी नहीं है. मेरे अंदर उस वक्त यही था कि मुसीबत में फंसे लोगों की मदद करना चाहिए.मैंने वहीं किया जो मेरा दिल कह रहा था.
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