MP Assembly Election: बीजेपी के लिए मुसीबत बनी भोपाल की ये विधानसभा सीट, जानिए- क्या है यहां का सियासी समीकरण?
Bhopal News: मध्य प्रदेश में इस बार भले ही बीजेपी सत्ता में वापसी का दावा कर रही है, लेकिन भोपाल की एक विधानसभा सीट आज भी बीजेपी के लिए दिक्कत का सबब बनी हुई है. आइए जानते हैं यहां का सियासी समीकरण.
MP Elections 2023: मध्य प्रदेश के सभी 230 विधायकों में अपनी अलग पहचान रखने वाले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और भोपाल की उत्तर विधानसभा से विधायक आरिफ अकील सत्ताधारी दल भारतीय जनता पार्टी के लिए मुसीबत का सबब बन गए हैं. बीते 25 सालों से उत्तर विधानसभा पर आरिफ अकील का कब्जा सा हो गया है. भोपाल की उत्तर विधानसभा में हिन्दू व मुस्लिम दोनों ही वर्ग के मतदाता रहते हैं. विधायक अकील को हराने के लिए बीजेपी यहां से हिन्दू और मुस्लिम दोनों ही वर्ग से अपने प्रत्याशी उतार चुकी है, लेकिन सफलता नहीं मिल सकी.
दरअसल, राजधानी भोपाल की उत्तर विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 150 लगता है. उत्तर विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या दो लाख 37 हजार 717, जिनमें एक लाख 17 हजार 52 महिला मतदाता, जबकि एक लाख 20 हजार 654 पुरुष और 11 अन्य मतदाता शामिल हैं. यूं तो इस विधानसभा पर भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों का ही कब्जा रहा है, लेकिन बीते 25 सालों से तो यह कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक आरिफ अकील का गढ़ सा बन गया है. साल 1998 से लगातार वे कांग्रेस के टिकट पर विधायक चुनते आ रहे हैं.
कई सालों से है दबदबा
बता दें उत्तर विधानसभा में पहली बार साल 1977 में चनाव हुए थे, जब हामिद कुरैशी जनता पार्टी से विधायक चुने गए थे, इसके बाद साल 1980 में रसूल अहमद सिद्दीकी कांग्रेस से विधायक बने. 1990 में आरिफ अकील पहली बार उत्तर विधानसभा से निर्दलीय विधायक बने. 1993 में बीजेपी के रमेश शर्मा ने अकील को हरा दिया था, लेकिन इसके बाद से तो मानों उत्तर विधानसभा आरिफ अकील का गढ़ ही बन गई. साल 1998 से लेकर 2018 तक के चुनाव में इस सीट पर अकील का ही दबदबा चला आ रहा है.
हिन्दू-मुस्लिम दोनों उम्मीदवारों को आजमाया
प्रदेश शासन के पूर्व मंत्री व कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक आरिफ अकील के इस गढ़ को भेदने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने इस क्षेत्र के हिन्दू और मुस्लिम दोनों ही वर्गों के प्रत्याशियों को मेदान में उतार चुकी है, लेकिन भारतीय जनता पार्टी वरिष्ठ विधायक आरिफ अकील के इस गढ़ को भेद नहीं पाई है. इतना ही नहीं भारतीय जनता पार्टी ने यहां पूर्व मेयर आलोक शर्मा, हिन्दूवादी नेता रामेश्वर शर्मा सहित मुस्लिम प्रत्याशियों को भी आजमा चुकी है, लेकिन भारतीय जनता पार्टी को सफलता नहीं मिल सकी.
एक वजह यह भी
बता दें भोपाल उत्तर विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या दो लाख 37 हजार 717, जिनमें एक लाख 17 हजार 52 महिला मतदाता, जबकि एक लाख 20 हजार 654 पुरुष और 11 अन्य मतदाता शामिल हैं. राजनीति के जानकारों का कहना है कि भोपाल की उत्तर विधानसभा में 49 प्रतिशत हिन्दू और 51 प्रतिशत मुस्लिम मतदाता है. मुस्लिम मतदाताओं का ज्यादातर झुकाव कांग्रेस की तरफ ही रहता है, इसी वजह से भारतीय जनता पार्टी उत्तर विधानसभा कांग्रेस के इस गढ़ को भेद पाने में मुश्किलों का सामना कर रही है.
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