Raisen Collector Action: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में बोर्ड परीक्षाएं शुरू हो चुकी हैं. हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी की परीक्षाओं में लाखों की संख्या में प्रदेश के विद्यार्थी परीक्षा दे रहे हैं. इसी बीच रायसेन (Raisen) जिले में शिक्षा विभाग की लापरवाही का एक मामला सामने आया है. एकीकृत शासकीय हाई स्कूल उमरई बहेरा के कुछ आदिवासी बच्चों के प्रवेश पत्र जारी नहीं हुए थे, जिसके कारण बच्चे और उनके अभिभावक भारी चिंता में थे. जब मीडिया के माध्यम से यह मामला जिला कलेक्टर अरविंद दुबे के सामने पहुंची तो उन्होंने तत्काल मामले को संज्ञान में लिया और ब्लॉक एजुकेशन अधिकारी आर.एस अहिरवार, संकुल प्राचार्य ईटखेड़ी, और प्रभारी प्राचार्य शासकीय हाई स्कूल उमरई बेहरा को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया है. साथ ही जिला शिक्षा अधिकारी एम.एल राठोरिया को शोकॉज नोटिस भी जारी किया है. 


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जवाब देने से बचते दिखे जिला शिक्षा अधिकारी


बच्चों का भविष्य खराब ना हो इस बात की चिंता करते हुए जिला कलेक्टर रायसेन ने प्रमुख सचिव शिक्षा विभाग से चर्चा कर बच्चों की परीक्षा कराने हेतु विशेष अनुमति ली और उन्हें परीक्षा में बिठाया. इस मामले में मध्य प्रदेश के शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार खासे नाराज बताए जा रहे हैं और उन्होंने शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों से नाराजगी के साथ जवाब तलब किया है. इस मामले में हमने जिला शिक्षा अधिकारी से जानकारी लेना चाहिए तो उन्होंने गोलमोल जवाब देकर बचने की कोशिश की और कहा कि बच्चों के प्रवेश फार्म जमा नहीं थे शायद इसलिए प्रवेश पत्र जारी नहीं हुए. जबकि बच्चों के अभिभावकों का कहना है कि हमारे द्वारा पूरी फीस जमा की गई थी.


कलेक्टर ने दिलवाई विशेष अनुमति


हालांकि परीक्षा से वंचित हो रहे आदिवासी बच्चों को कलेक्टर अरविंद कुमार दुबे ने प्रशासनिक व शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि विद्यार्थियों को विशेष अनुमति प्रदान करते हुए परीक्षा दिलाई जाए. इस विशेष अनुमति के तहत कक्षा 10वीं के माध्यमिक शिक्षा मंडल भोपाल की ओर से जारी किए गए नामांकन के बाद इन विद्यार्थियों को अतिरिक्त नामांकन क्रमांक दिए गए हैं.


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