MP News: मध्य प्रदेश के रीवा और सागर में जर्जर भवनों से मासूम बच्चों की जान जाने के बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सख्त लहजे में जिला प्रशासन के अधिकारियों को इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति नहीं होने की चेतावनी दी है. इस चेतावनी का यह असर हुआ है कि अब जिला प्रशासन के अधिकारी जर्जर भवनों को चिन्हित कर उन पर बुलडोजर चलवा रहे हैं. इसके अलावा कई स्थानों पर जर्जर भवनों का सर्वे भी तेजी से शुरू हो गया है.


उल्लेखनीय है कि रीवा के बाद सागर में दर्दनाक घटना हुई थी, जिसमें 9 मासूम विद्यार्थियों की जान चली गई. सागर के शाहपुर इलाके में पार्थिव शिवलिंग का निर्माण कर रहे बच्चों के टेंट पर पास के ही मकान की दीवार गिर गई. इस हादसे में 9 मासूम बच्चों की मौत हुई जबकि दो लोग घायल हो गए. इस घटना के बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सागर कलेक्टर दीपक आर्य, एसपी अभिषेक तिवारी और सागर के एसडीएम संदीप कुमार को हटाने के निर्देश दिए. 


इसी कार्रवाई के दौरान एक चिकित्सक पर भी निलंबन की गाज गिर गई. मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने इस घटना से सबक लेकर अधिकारियों को पूरे मध्य प्रदेश में जर्जर मकान को लेकर आवश्यक कार्रवाई के निर्देश भी दिए हैं. इसका असर अब धरातल पर देखने को मिल रहा है. मध्य प्रदेश के रतलाम में पांच जर्जर मकानों को नगर निगम और जिला प्रशासन की संयुक्त कार्रवाई में बुलडोजर चला कर गिरा दिया गया. 


रतलाम कलेक्टर राजेश बाथम ने बताया कि 12 भवन स्वामी को मकान खाली करने की सलाह दी गई है. इन मकानों को भी नगर निगम के अधिकारियों जर्जर भावनों की श्रेणी में शामिल किया है.


उज्जैन में भी नगर निगम अधिकारी सक्रिय
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के गृह नगर उज्जैन में भी नगर निगम के अधिकारियों की अब सक्रियता दिखाई दे रही है. बारिश को देखते हुए जर्जर मकानों को चिन्हित किया जा रहा है. उज्जैन कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने बताया की सवारी मार्ग और प्रमुख बाजारों में पुराने भावना को पहले भी चिन्हित किया गया था. 


अब नगर निगम एक बार फिर इन भवनों की हालत पर रिपोर्ट तैयार कर रहा है. यदि आवश्यकता हुई तो जर्जर भवनों को गिराने की कार्रवाई भी की जा सकती है. उल्लेखनीय है कि उज्जैन के अमरपुरा इलाके में तेज बारिश के कारण एक पुराना मकान गिर जाने से हाल ही में रईसा बी नामक एक महिला की मौत हो गई थी जबकि उसका पुत्र घायल हो गया था. 


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