Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश में होने वाले उपचुनाव के बीच राज्य के दो दिग्गज नेता सोशल मीडिया पर आपस में भिड़ गए. राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) और पूर्व सीएम कमलनाथ (Kamal Nath) के बीच जुबानी जंग देखने को मिली. दोनों नेताओं ने अलग-अलग मुद्दों का जिक्र करते हुए एक दूसरे पर निशाना साधा और जनता को धोखा देने का आरोप लगाया. एक रैली के दौरान सीएम शिवराज ने कहा कि जब कमलनाथ सत्ता में आए थे तो राशन की सूची से कई गरीब परिवारों के नाम ही काट दिए. मैंने आने के बाद सबके नाम फिर से जुड़वाने शुरू कर दिए हैं. मध्यप्रदेश की धरती पर किसी भी गरीब परिवार को राशन की दिक्कत नहीं होने दी जाएगी.


वहीं कमलनाथ ने शिवराज सिंह चौहान को घोषणावीर करार दिया. कू पर कमलनाथ ने लिखा कि शिवराज सिंह चौहान को सिर्फ वे ही नहीं बल्कि उनकी पार्टी के नेता भी घोषणावीर कहते है.  वैसे भी जो वीर होते है वो कभी घोषणाएं नहीं करते हैं बल्कि काम करते हैं. घोषणाएं कर जनता को गुमराह करने का काम तो हमेशा कमजोर और झूठे व्यक्ति करते हैं. 






कू पर अपने एक पोस्ट में शिवराज सिंह चौहान ने कहा, "कमलनाथ जी कहते हैं कि शिवराज तो घोषणावीर है. मैं उनसे कहना चाहता हूं कि मैं घोषणा तो वीर ही करते हैं. मैं घोषणा करता हूं और उसे पूरा करता हूं. मैं गरीबों के घर में रात गुजारता हूं, तो इनके जीवन की कठिनाइयों को समझने का ठीक से अवसर मिलता है. गरीबों और असमर्थों का कल्याण ही मेरे जीवन का ध्येय है और मैं निरंतर इस संकल्प की सिद्धि के लिए प्रयासरत हूं."






मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ ने कू पर लिखा, "मैंने खुद शिवराज जी को कोरोना की दूसरी लहर में सावधान किया था लेकिन उन्होंने कोरोना को लेकर कोई प्रबंध नहीं किए, वह तो कोरोना को डरोंना बताते रहे. आप सभी ने देखा कि किस प्रकार ऑक्सीजन, रेमड़ेसिविर इंजेक्शन का निर्यात करते रहे और देश में लोग इसके लिये भटकते रहे. ये नाटक, नौटंकी और भाषणों से कोरोना को भगाते रहे. हमारे प्रदेश में कोरोना से ढाई लाख से अधिक मौतें हुई, कई लोगों ने अपने परिजनों को, रिश्तेदारों को खोया लेकिन यह आंकड़े दबाते रहे, छुपाते रह , फर्जी आंकड़े सामने लाते रहे, जनता यह भूलने वाली नहीं है."


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