(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
MP News: एक स्पोर्ट्स व्हीलचेयर के लिए सालों से आवेदन दे रहा दिव्यांग खिलाड़ी, अब तक नहीं मिली सरकारी मदद
Chhatarpur के एक दिव्यांग खिलाड़ी सरकारी मदद की दरकार में मारा-मारा फिर रहा है. सालों से उसकी स्पोर्ट्स व्हीलचेयर की डिमांड को प्रशासन पूरा नहीं कर पाया है.
Chhatarpur News: मध्य प्रदेश के छतरपुर (Chhatarpur) जिले का एक दिव्यांग खिलाड़ी सरकारी मदद न मिलने के कारण अपने हुनर का कमाल नहीं दिखा पा रहा है. हालांकि मदद बड़ी छोटी है लेकिन सरकार के साथ कोई संगठन भी अब तक उसके लिए आगे नहीं आया है. छतरपुर के रिजवान व्हीलचेयर पर क्रिकेट खेलते हैं और उन्होंने अपनी प्रतिभा का लोहा कई अंतरराष्ट्रीय मैचों में मनवाया हैं. रिजवान अब तक 50 से ज्यादा मैच खेल चुके हैं, जिसमें से 3 मैच अंतरराष्ट्रीय थे. वे मध्य प्रदेश की व्हील चेयर क्रिकेट टीम के कप्तान भी रहे हैं.
हार्डवेयर की दुकान में मजदूरी करते हैं रिजवान
परिस्थितियों के मारे 29 साल के रिज़वान अब पेट पालने के लिए एक कंप्यूटर हार्डवेयर की दुकान में काम करते हैं. इसी से होने वाली आमदनी से रिजवान और उसके परिवार का पेट भरता है. रिज़वान को शिकायत है कि प्रशासन और क्रिकेट बोर्ड की तरफ से उन्हें या उसके परिवार को कभी कोई मदद नहीं मिली है. रिजवान जैसे व्हीलचेयर क्रिकेट के खिलाड़ी अपना जीवन मजदूरी कर गुजर बसर कर रहा है. रिजवान बताते है कि एक स्पोर्ट्स व्हीलचेयर के लिए वे लंबे समय से प्रशासन की दहलीज पर चक्कर काट रहे हैं, लेकिन अभी तक उन्हें यह नहीं मिली है.
2017 में बांग्लादेश के खिलाफ खेली है ट्राई सीरीज
रिजवान ने बताया कि नेपाल और बांग्लादेश के खिलाफ एक ट्राई सीरीज 2017 में कोलकाता में हुई थी. इसमें उन्होंने देश का प्रतिनिधित्व किया था. रिजवान बताते हैं कि व्हीलचेयर क्रिकेट मैच की प्रैक्टिस करने के लिए स्पोर्ट्स व्हीलचेयर की आवश्यकता होती है, जिसके लिए वह अब तक छतरपुर के पांच कलेक्टरों को अपना आवेदन दे चुके हैं. आखिरी आवेदन रिजवान ने दिसंबर 2021 को छतरपुर कलेक्टर संदीप जी आर को दिया था. छतरपुर कलेक्टर ने रिजवान को जल्द से जल्द स्पोर्ट्स व्हीलचेयर देने का भरोसा दिया था.
फिलहाल, रिजवान छतरपुर की एक कंप्यूटर हार्डवेयर की दुकान में काम करते हैं और रोज तीन सौ रुपए तक कमा लेते हैं. हालांकि रिजवान का कहना कि कई बार एक रुपए भी नहीं मिलता है. इसी मजदूरी से परिवार का भरण पोषण होता है. अब हालात ऐसे हो गए हैं कि वो प्रैक्टिस तक नहीं कर पा रहा हैं. दिव्यांग खिलाड़ी रिजवान ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से भी मदद की अपील की है.
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