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Chhindwara News: माचागोरा डैम में डूबने से 4 बच्चों की मौत, CM शिवराज ने दुख जताते हुए सहायता राशि की घोषणा की
मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा से दर्दनाक खबर सामने आ रही है. दरअसल यहां माचागोरा डेम के किनारे खोदी गई झिरिया में डूबने से चार बच्चों की मौत हो गई. मृतक बच्चों में दो सगी बहनें भी शामिल हैं.
छिंडवाड़ा: मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में बकरियां चरा रहे 4 बच्चे पानी पीने के दौरान माचागोरा डेम के किनारे खोदी गई झिरिया में डूब गए. दर्दनाक घटना में चारो बच्चों की मौत गई. ये हादसा बुधवार शाम का बताया जा रहा है. वहीं घटना के बाद पूरे गांव में मातम पसरा है.मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी ट्वीट कर चारों बच्चों की मौत पर दुख जताया है.
मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर“ईश्वर से दिवंगत आत्माओं को अपने श्रीचरण में स्थान और शोकाकुल परिजनों को यह वज्रपात सहन करने की शक्ति देने की प्रार्थना करता हूं. विनम्र श्रद्धांजलि !”
मुख्यमंत्री ने पीड़ित परिवारों को 4-4 लाख रुपये आर्थिक सहायता देने की भी घोषणा की
अपने एक ओर ट्वीट में मुख्यमंत्री ने लिखा है, “ मासूम बच्चों को असमायिक निधन से मन अत्यधिक पीड़ा से भरा हुआ है. पीड़ित परिवार को 4-4 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जायेगी. दुख की इस घड़ी में मैं और संपूर्ण मध्यप्रदेश शोकाकुल परिवारों के साथ है. ईश्वर परिजनों को यह असहनीय दुख सहने की सामर्थ्य दें. ऊं शांति.”
बकरी चराने गए थे बच्चे
हिवरखेड़ी चौकी प्रभारी सतीश दुबे के मुताबिक ग्राम बारह बरियारी में रहने वाली सृष्टि पिता संजय मसराम (7वर्ष), प्राची पिता बसंत उईके (9वर्ष), प्रिया, पिता बसंत उईके (11वर्ष) और शेखर पिता घनश्याम तेकाम (10वर्ष) माचागोरा डेम के पास बकरी चराने गए हुए थे.उन्हे प्यास लगी तो वे डेम के किनारे पानी स्टोरेज के लिए खोदी गई झिरिया में पानी पीने के लिए उतर गए. लेकिन झिरिया की मिटटी धंसने से चारों बच्चे झिरिया के पानी में डूब गए.इन चारों बच्चों को डूबता देख बाहर खड़ी शिखा दौड़ते हुए घर पहुंची तथा उसने इनके परिजनों को सूचना दी.जब तक परिजन मौके पर पहुंचते,तब तक बहुत देर हो चुकी थी.ग्रामीणों ने जब बच्चों को झिरिया से बाहर निकाला तब तक उनकी सांसे थम गई थी.वहीं तत्काल पुलिस को सूचना दी गई जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और पंचनामा बनाकर मामले की जांच शुरू कर दी.
दो सगी बहनों की हुई मौत
इस दर्दनाक हादसे में एक ही परिवार की दो बेटियों की मौत हुई है. पुलिस के मुताबिक बाहरबरियारी के बसंत उईके की बेटी प्राची और प्रिया दोनों की इस हादसे का शिकार हो गई .जिसके बाद उनके परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है.
वहीं हादसे में मृत बालक शेखर पिता घनश्याम तेकाम पास ही के गांव चौंसरा में रहता है.वह रिश्तेदार के यहां शादी में आया हुआ था.वह भी बच्चियों के साथ खेल-खेल में बकरियां चराने के लिए चला गया और इस दर्दनाक हादसे का शिकार हो गया.
हिवरखेड़ी चौकी प्रभारी सतीश दुबे के मुताबिक ग्राम बारह बरियारी में रहने वाली सृष्टि पिता संजय मसराम (7वर्ष), प्राची पिता बसंत उईके (9वर्ष), प्रिया, पिता बसंत उईके (11वर्ष) और शेखर पिता घनश्याम तेकाम (10वर्ष) माचागोरा डेम के पास बकरी चराने गए हुए थे.उन्हे प्यास लगी तो वे डेम के किनारे पानी स्टोरेज के लिए खोदी गई झिरिया में पानी पीने के लिए उतर गए. लेकिन झिरिया की मिटटी धंसने से चारों बच्चे झिरिया के पानी में डूब गए.इन चारों बच्चों को डूबता देख बाहर खड़ी शिखा दौड़ते हुए घर पहुंची तथा उसने इनके परिजनों को सूचना दी.जब तक परिजन मौके पर पहुंचते,तब तक बहुत देर हो चुकी थी.ग्रामीणों ने जब बच्चों को झिरिया से बाहर निकाला तब तक उनकी सांसे थम गई थी.वहीं तत्काल पुलिस को सूचना दी गई जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और पंचनामा बनाकर मामले की जांच शुरू कर दी.
दो सगी बहनों की हुई मौत
इस दर्दनाक हादसे में एक ही परिवार की दो बेटियों की मौत हुई है. पुलिस के मुताबिक बाहरबरियारी के बसंत उईके की बेटी प्राची और प्रिया दोनों की इस हादसे का शिकार हो गई .जिसके बाद उनके परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है.
वहीं हादसे में मृत बालक शेखर पिता घनश्याम तेकाम पास ही के गांव चौंसरा में रहता है.वह रिश्तेदार के यहां शादी में आया हुआ था.वह भी बच्चियों के साथ खेल-खेल में बकरियां चराने के लिए चला गया और इस दर्दनाक हादसे का शिकार हो गया.
बिलखते रह गए परिजन
एक जरा सी लापरवाही तीन परिवारों पर भारी पड़ गई.दरअसल डूब प्रभावित क्षेत्र में आने वाले बारहबरियारी गांव की सीमा से ही माचागोरा डेम का पानी भरा हुआ है, ऐसे में बच्चों को डेम के किनारे बकरियां चराने के लिए भेजना एक बड़ी चूक साबित हुई.
एक जरा सी लापरवाही तीन परिवारों पर भारी पड़ गई.दरअसल डूब प्रभावित क्षेत्र में आने वाले बारहबरियारी गांव की सीमा से ही माचागोरा डेम का पानी भरा हुआ है, ऐसे में बच्चों को डेम के किनारे बकरियां चराने के लिए भेजना एक बड़ी चूक साबित हुई.
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राजेश शांडिल्यसंपादक, विश्व संवाद केन्द्र हरियाणा
Opinion