MP News: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भगवान महाकाल को प्रसन्न करने और प्रदेश में अच्छी बारिश की कामना को लेकर महाकाल के दरबार में पहुंचे और उन्होंने महा रुद्राभिषेक कराया. बता दें कि शिवराज सिंह चौहान भादो मास के पहले सोमवार को भगवान महाकाल के दरबार में पहुंचे. जहां उन्होंने विधि विधान से भगवान महाकाल की रुद्राभिषेक में हिस्सा लिया. यह रुद्राभिषेक 6 घंटे तक लगातार चलेगा. उत्तम बारिश की कामना को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा यह महारुद्राभिषेक कराया जा रहा है.
सोमवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान उज्जैन पहुंचे. उन्होंने सीधे महाकालेश्वर मंदिर पहुंचकर महा रुद्राभिषेक में हिस्सा लिया. पंडित आशीष पुजारी के मुताबिक महारुद्राभिषेक करने से सारी मनोकामना पूर्ण होती है. यदि महारुद्राभिषेक जनहित के लिए किया जाए तो निश्चित रूप से सफल होता है. महरुद्राभिषेक भगवान शिव के आराधना का सबसे बड़ा अनुष्ठान है. द्वादश ज्योतिर्लिंगों में एक महाकालेश्वर के दरबार में जब भी महारुद्र अभिषेक किया गया है, वह सफल रहा है. इस बार उत्तम बारिश के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की ओर से महारुद्राभिषेक कराया जा रहा है.
इस दौरान पूजा-अर्चना के बाद सीएम शिवराज ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि अल्प वर्षा के कारण अगस्त माह लगभग सूखा गया है, इसलिए मध्यप्रदेश में सूखे की स्थिति पैदा हो रही है और फसलों पर संकट छाया है। बाबा कृपा की वर्षा करें. फसलें बच जाएं। किसानों का भी कल्याण हो, प्रदेश का भी कल्याण हो और देश में भी अच्छी बारिश हो.
6 घंटे तक लगातार चलेगा महा रुद्राभिषेक
भगवान महाकाल के दरबार में 6 घंटे तक महा रुद्राभिषेक लगातार चलेगा. भगवान शिव पर दूध, दही, जल से लगातार अभिषेक किया जाएगा. पंडित और पुरोहितों द्वारा मंत्रोचार के साथ भगवान महाकाल की स्तुति की जा रही है. महारुद्राभिषेक के दौरान पंडितों द्वारा लगातार मंत्रोचार किया जाता है. इसके अलावा भगवान को प्रसन्न करने के लिए सतत जलधारा प्रवाहित कराई जाती है. पंडितों के मुताबिक यह अभिषेक 6 घंटे तक लगातार चलेगा. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अभिषेक में शामिल होकर उज्जैन से रवाना हो गए.
अतिवृष्टि के दौरान भी भगवान महाकाल के दरबार में होता है अनुष्ठान
प्रदेश में केवल अल्प वर्षा ही नहीं बल्कि जब अति वृष्टि भी होती है तो वर्षा रोकने के लिए भगवान महाकाल के दरबार में अनुष्ठान किया जाता है. महाकालेश्वर मंदिर में प्राकृतिक आपदा से निजात पाने के लिए कई बार अनुष्ठान हो चुके हैं. पूर्व में भी अतिवृष्टि को लेकर अनुष्ठान हुआ था. 2 साल पहले जिला प्रशासन और सरकार की ओर से यह पूजा कराई गई थी.
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