Madhya Pradesh News : जननायक टंट्या भील के बलिदान दिवस के मौके पर शनिवार को इंदौर और महू के पातालपानी में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. जननायक टंट्या भील की कर्मभूमि पातालपानी पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और राज्यपाल मंगू भाई पटेल सहित मध्य प्रदेश सरकार के कई मंत्री पहुंचे. इस दौरान टंट्या भील की प्रतिमा का अनावरण भी किया गया.
प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शनिवार भोपाल से इंदौर के पातालपानी में राज्यपाल मंगू भाई पटेल के साथ पहुंचे. जहां उन्होंने टांट्या भील के प्रतिमा का अनावरण किया व माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किए. बलिदान दिवस के मौके पर इंदौर के नेहरू स्टेडियम में सभा का आयोजन किया गया. पातालपानी में हुए आयोजन के बाद मुख्यमंत्री और राज्यपाल सभा में शामिल होने के लिए नेहरू स्टेडियम पहुंचे. जहां पहले तो आदिवासी गीत पर प्रदेश के राज्यपाल मंगू भाई पटेल सहित मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जमकर नृत्य भी किया. जिनके साथ कई नेता गण भी नृत्य के समय कदमताल मिलाते हुए देखे गए.
मुख्यमंत्री ने कही ये बातें
वही सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने जननायक टंट्या भील को श्रद्धा सुमन अर्पित किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि वह एक महान नायक है, जिन्होंने गरीबों की मदद के लिए अपना जीवन लगा दिया. मुख्यमंत्री ने सूदखोरों से लिए जाने वाले पैसे और आदिवासी लोगों द्वारा तैयार की जाने वाली कच्ची शराब को लेकर तैयार किए जा रहे प्रावधानों की घोषणा की. वहीं मंच से शिवराज सिंह चौहान ने पैसा एक्ट के द्वारा स्थानीय संसाधनों पर जनजातीय समाज की पंचायतों को ज्यादा अधिकार देने की बात कही. इनमें जमीन, खनिज संपदा, लघु वनोपज की सुरक्षा और संरक्षण का अधिकार भी शामिल है. साथ ही ग्राम सभाओं को जनजातीय समाज की सामाजिक न्याय और धार्मिक व्यवस्था के लिए भी काम करने का मध्य प्रदेश में पैसा एक्ट शनिवार से लागू करने की घोषणा की.
हर साल लगेगा मेला
शिवराज सिंह चौहान ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि जहा जननायक टांट्या भील का अंतिम संस्कार किया गया. उनके बलिदान स्थली पर प्रतिमा का अनावरण किया गया है. जहां पुजा हुई है उस जगह को स्मारक घोषित करके इसका सम्पूर्ण विकास किया जाएगा और हर साल यहां मेला लगेगा. बलिदान दिवस के मौके पर आयोजित किए गए कार्यक्रम में शामिल होने के लिए इंदौर जिले के आसपास के धार बड़वानी खरगोन खंडवा बुरहानपुर से बड़ी संख्या में आदिवासी समाज के लोग पहुंचे थे. इनके पहुंचने के लिए करीब 2000 से अधिक बसों की व्यवस्थाएं की गई थी. जिनके माध्यम से यह लोग सभा में सम्मिलित होने के लिए नेहरू स्टेडियम पहुंचे.
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