MP News: सीएम शिवराज बोले- गीता प्रेस नहीं होती तो हम तक नहीं पहुंचते साहित्यक ग्रंथ
Gita Press Controversy: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि मैंने बचपन से ही अध्यात्मिक साहित्य गीता प्रेस का ही पढ़ा है. गीता प्रेस की गीता और बाकि पुस्तकें पढ़ने के बाद अध्यात्म की प्रेरणा हुई.
MP News: गीता प्रेस सम्मान मामले में मध्य प्रदेश के नेताओं की भी एंट्री हो गई है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गीता प्रेस सम्मान का विरोध करने वालों पर जुबानी हमला करते हुए कहा कि यह हमारी संस्कृति और परंपरा का अपमान है. गीता प्रेस को सम्मान देने का विरोध करने वालों को जनता कभी माफ नहीं करेगी. सीएम के अलावा गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी कांग्रेस पर तंज कसा है. उन्होंने कहा कि इटालियन कल्चर वाले समझ नहीं सकते, गीता प्रेस की भारतीय और सनातन के लिए कितनी आवश्यकता है.
तो जनता तक नहीं पहुंचती गीता
हुजूर विधानसभा क्षेत्र में जनसंपर्क अभियान के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा,"मैंने बचपन से ही अध्यात्मिक साहित्य पढ़ा तो मैंने गीता प्रेस का ही पढ़ा है. गीता प्रेस की गीता और बाकि पुस्तकें पढ़ने के बाद अध्यात्म की तरफ हमारी प्रेरणा हुई. मैं गीता प्रेस का बहुत सम्मान करता हूं, अगर वह नहीं होती तो साहित्यक धर्म ग्रंथ जनता तक नहीं पहुंच पाते. गीता प्रेस को सम्मान देने का विरोध करना हमारी संस्कृति, परम्परा का अपमान है, इसे जनता सहन नहीं करेगी."
'नहीं चलने देंगे कूचक्र'
वहीं भोपाल में धर्मांतरण मामले को लेकर वायरल हुए वीडियो और कार्रवाई पर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हम धर्मांतरण का कूचक्र नहीं चलने देंगे, हम गुंदागर्दी नहीं चलने देंगे, हम दादागिरी नहीं चलने देंगे. गुंडागर्दी करने वालों को ऐसा सबक सिखाया जाएगा कि पूरा देश याद रखेगा. ऐसे आसामाजिक तत्वों को, बदमाशों को किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ा जाएगा.
'हर मंदिर में रखी गीता-रामायण'
प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, "मैं आचार्य प्रमोद कृष्णम् के बयान से सहमत हूं. जयराम रमेश जी, यह कांग्रेस पूर्वाग्रह से ग्रसित है. गीता प्रेस जब से रामायण, गीता देश के अंदर छाप रही है जब बीजेपी नहीं थी, लेकिन विकृत मानसिकता के लोग कभी भी कुछ तो भी बोल जाते हैं. पिछले कुछ वर्षों में इटालियन कल्चर का जो कांग्रेस के अंदर प्रवेश हुआ है, इटालियन कल्चर वाले समझ नहीं सकते, गीता प्रेस की इस भारतीय और सनातन के लिए कितनी आवश्यकता है. इनकी आपत्ति सिर्फ यही है क्योंकि वह सिर्फ गीता और रामायण छापते हैं. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि गीता प्रेस छपी हुई हर गीता और रामायण हिन्दुस्तान के हर नागरिक के मंदिर में रखी रहती है.
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