Madhya Pradesh Asha worker News: मध्यप्रदेश में चुनावी साल में आशा और उषा कार्यकर्ताओं की भी बल्ले-बल्ले होने जा रही है. आशा बहनों का मानदेय दो हजार रुपये से बढ़ाकर 6 हजार रुपये कर दिया गया. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की है कि आशा, उषा और आशा पर्यवेक्षक बहनों को सेवानिवृत्ति के बाद 1 लाख रुपए की राशि दी जाएगी. इसी तरह उनका 5 लाख रुपए का चिकित्सा और दुर्घटना बीमा भी कराया जाएगा.


यहां बताते चले कि मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं और हेल्थ प्रोग्राम के लिए आशा एवं उषा कार्यक्रम सिस्टम की बैक बोन मानी जाती है. लंबे समय से उनके अंदर सरकार को लेकर जमकर नाराजगी थी. मध्यप्रदेश की आशा एवं उषा कार्यकर्ता लंबे समय से मुख्य तौर पर तीन मांगों को लेकर आंदोलन कर रही हैं. इसमें सबसे पहली मांग उन्हें परमानेंट करने की मांग थी. इसके साथ ही 10 हजार रुपए मासिक वेतन और उनके काम के घंटे निर्धारित करने की मांग भी उठाई जा रही थी.



मुख्यमंत्री ने घोषणाओं की झड़ी लगा दी
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बड़ा दांव चलते हुए उषा और आशा कार्यकर्ताओं को खुश करने के लिए घोषणाओं की झड़ी लगा दी है. भोपाल में आशा और उषा कार्यकर्ताओं तथा आशा पर्यवेक्षकों के सम्मेलन में चौहान ने कहा कि कोविड काल में हमारी आशा और उषा बहनों ने अपनी जान हथेली पर रखकर दूसरों की जिंदगी बचाने का काम किया. बहनों को प्रणाम!



सीएम चौहान की प्रमुख घोषणाएं


1. आशा, उषा और पर्यवेक्षक आशा बहनों को मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ दिया जाएगा।


2. ये सुनिश्चित किया जाएगा कि बिना गंभीर लापरवाही के किसी भी बहन को सेवा से पृथक नहीं किया जाएगा.


3. आशा और पर्यवेक्षक आशा बहनों की सेवानिवृति आयु 60 साल की बजाय 62 साल में होगी.


4. आशा, उषा और पर्यवेक्षक आशा बहनों को मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ दिया जाएगा. आकस्मिक अवकाश भी प्रदान किया जाएगा.


5. हर आशा, उषा बहन को मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना में शामिल किया जाएगा.


6. आशा बहनों के वेतन भुगतान और सत्यापन आशा डायरी के आधार पर सहयोगियों के सत्यापन के उपरांत कर दिया जाएगा.


7. आशा बहनों का मानदेय 2000 रुपए से बढ़ाकर 6000 रुपए करने के निर्देश भी सीएम शिवराज सिंह चौहान में दिए है.हर साल इसमें 1000 रुपए की वृद्धि भी की जाएगी.


8. आशा, उषा और आशा पर्यवेक्षक बहनों को सेवानिवृत्ति के बाद 1 लाख की राशि दी जाएगी.


9. आशा, उषा और आशा पर्यवेक्षक बहनों को 5 लाख रुपए का चिकित्सा और दुर्घटना बीमा कराया जाएगा.


आशा कार्यकर्ता जिस गांव में निवास करती है, उस गांव के हर घर के स्वास्थ्य की जिम्मेदारी उसकी है. कार्यकर्ता का दायित्व है कि गांव के सभी बच्चों का टीकाकरण हो.सभी गर्भवती महिलाओं की जांच की जाए. गांव की सभी गर्भवती महिलाओं के प्रसव नजदीकी संस्था में कराए. इसी तरह शहर में गरीब बस्तियों में यह काम उषा कार्यकर्ता करती है.


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