Raisen News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के रायसेन जिले (Raisen District) में जमीन के सीमांकन (नाप) को लेकर 2 पक्षों में खूनी संघर्ष हो गया. संघर्ष के दौरान गोली लगने से गांव सरपंच पति और उसके भतीजे की मौत हो गई, जबकि पटवारी और सहायक सचिव, ग्राम कोटवार सहित आधा दर्जन लोग घायल हो गए हैं. घटना मंगलवार (13 जून) रात उदयपुरा तहसील (Udaipura Tehsil) के कुचवाड़ा गांव की है. 


घटना के बाद प्रशासन ने स्थिति को काबू में करने के लिए गांव में पुलिस बल तैनात है, वही दोनों शवों का आज बरेली अस्पताल में पोस्टमार्टम कराया गया. पोस्टमार्टम के बाद नाराज परिजन और रघुवंशी समाज के लोगों द्वारा शव को लेने से इंकार करते हुए, प्रशासन से मांग की है कि तत्काल आरोपियों के घरों पर बुलडोजर चलाया जाए. इसी मांग को लेकर सुबह से ही नाराज परिजन बरेली की मुख्य सड़क पर विरोध प्रदर्शन करते हुए चक्का जाम कर दिया. 


नाले की नपाई को लेकर हुआ विवाद


जमीन की नपाई को लेकर रघुवंशी समाज के 2 पक्षों में विवाद इतना बढ़ गया कि एक- दूसरे पर बंदूकों से हमला कर दिया, जिसमें गांव की सरपंच रचना रघुवंशी के पति प्रमोद रघुवंशी और उसके भतीजे विवेक रघुवंशी की मौत हो गई. जबकि रमाकांत रघुवंशी, अजय धाकड़ सहित महिला पटवारी घायल हो गए हैं. पूरे पूरा विवाद गांव में नाले की नपाई को लेकर हुआ. घायलों में पटवारी, ग्राम कोटवार सहायक सचिव शामिल हैं. घटना के बाद कुचवाड़ा में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है. उदयपुरा के अलावा आस-पास के थानों से भी पुलिस बलों को बुलाया गया है, वरिष्ठ अधिकारी भी मौके पर मौजूद हैं.


चुनावी रंजिश बना विवाद की जड़- अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अमृत मीणा


अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अमृत मीणा ने बताया कि विवाद की वजह पुरानी चुनावी रंजिश है, इनकी जमीन के बीच में से सरकारी रास्ता निकला था. उसी की नपाई की जा रही थी. इसी दौरान दोनों पक्षों में विवाद हो गया, देखते- देखते एक पक्ष ने दूसरे पक्ष पर गोली चला दी, जिसमें सरपंच पति सहित उसके भतीजे की मौत हुई है. पटवारी, कोटवार सहित 7 लोग घायल हुए हैं. सुरक्षा की दृष्टि से गांव में पुलिस बल तैनात किया गया है. पुलिस ने इस मामले में अब तक 4 से आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, वहीं दो मुख्य आरोपी घटना के बाद फरार है जिनकी तलाश की जा रही.


परिजन कर रहे आरोपियों के घरों पर बुल्डोजर चलाने की मांग


देर रात घटना के बाद पुलिस ने दोनों शवों कब्जे में लेकर बरेली अस्पताल ले गई, जहां दोनों शवों का पोस्टमार्टम कराया गया. पोस्टमार्टम के बाद नाराज परिजनों ने शवों को लेने से इनकार कर दिया और शहर की मुख्य सड़क पर बैठकर चक्का जाम कर दिया. मौके पर एसडीएम बरेली और एडिशनल एसपी परिजनों को समझाने की कोशिश की, लेकिन परिजन आरोपियों के घरों पर बुल्डोजर चलाने की मांग पर अड़े हुए हैं.


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