Madhya Pradesh Cricket Association: मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व प्रदेश सचिव राकेश सिंह यादव (Rakesh Singh Yadav) ने एमपीसीए (MPCA) के सदस्यों की नियुक्ति में फर्जीवाड़ा करने का आरोप लगाया है. उन्होंने एक वीडियो जारी करते हुए केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) को अपने बेटे आर्यमान सिंधिया (Aryaman Scindia) को एमपीसीए के सदस्य के रुप में जोड़ने के लिए, एसोशिएन के मृत सदस्यों के फर्जी हस्ताक्षर के जरिये नियुक्ति दिलाने का आरोप लगाया है.
राकेश सिंह यादव के मुताबिक एमपीसीए में आर्यमान सिंधिया सहित दूसरे सदस्यों को नियुक्ति के लिए, स्क्रूटनी कमेटी के मृत सदस्यों के फर्जी हस्ताक्षर के जरिये रिपोर्ट बनाकर एजीएम में पेश किया गया. जिससे केंद्रीय मंत्री को अपने बेटे सहित करीबीयों को नियुक्ति दिलाने में आसानी हुई.
एमपीसीए में सदस्य बनाने के ये हैं नियम
पूर्व प्रदेशसचिव यादव के अनुसार एमपीसीए में सदस्य बनाने के लिए नियमानुसार, एमपीसीए सदस्यता का फ़ॉर्म भरकर जमा किया जाता है. जहां स्क्रूटनी कमेटी के अधिकारियों के जरिये नामों की स्क्रीनिंग की जाती है, सभी तथ्यों की जांच के बाद स्क्रूटनी कमेटी की टीम इसपर सहमति हस्ताक्षर कर एजीएम में पेश करते हैं. इस स्क्रूटनी कमेटी में शामिल तीनों सदस्यों के हस्ताक्षर जरुरी होता है. इस स्क्रूटनी कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर ही एमपीसीए में सदस्य बनाया जाता है.
एमपीसीए की 10 दिसंबर 2022 की एजीएम मीटिंग में स्क्रूटनी कमेटी के सदस्य मनोहर शर्मा, महेंद्र सेठिया और संजय जगदाले थे. इन तीनों सदस्यों के हस्ताक्षर के बाद ही एजीएम में सदस्यों के नियुक्ति के लिए रिपोर्ट पेश करते हैं.
स्क्रूटनी कमेटी के इन सदस्यों की हो चुकी है मौत
राकेश सिंह यादव ने बताया कि एमपीसीए में एजीएम मीटिंग के पूर्व ही स्क्रूटनी कमेटी के सदस्य मनोहर शर्मा की मौत कोविड की वजह से 2020 में हो गई थी. वहीं दूसरे सदस्य महेंद्र सेठिया की मौत 18 अगस्त 2022 को हो गई थी. उन्होंने कहा कि इन दो सदस्यों के मौत बाद भी एमपीसीए की एजीएम 10 दिसम्बर 2022 को हुई, जिसमें स्क्रूटनी कमेटी की रिपोर्ट में मृत सदस्य मनोहर शर्मा और मृत सदस्य महेंद्र सेठिया के फर्जी हस्ताक्षर हैं.
बिना एजीएम के मीटिंग नहीं हो सकती स्क्रूटनी कमेटी के सदस्य की नियुक्ति
राकेश सिंह यादव के मुताबिक संजय जगदाले के माध्यम से सिंधिया ने फर्जी स्क्रूटनी कमेटी की रिपोर्ट एजीएम की मीटिंग में पेश की, जिसमें फर्जी तरीके से एमपीसीए ने नए सदस्यों को नियुक्ति दी. उन्होनें आरोप लगाया कि बिना एजीएम की मीटिंग बुलाये मृत स्क्रूटनी कमेटी के सदस्यों की जगह, दूसरे सदस्यों को नियुक्त नहीं किया जा सकता है, इसके बावजूद भी फर्जी और असंवैधानिक तरीके से आर्यमान सिंधिया सहित अन्य सदस्यों सदस्यों को नियुक्ति दी गई.
एमपीसीए के इन अधिकारियों पर राकेश यादव ने की कार्रवाई की मांग
वहीं राकेश सिंह यादव के जरिये एमपीसीए में फर्जीवाड़े और धोखाधड़ी को लेकर एमपीसीए अध्यक्ष अभिलाष खांडेकर और सचिव संजीव राव, सीईओ रोहित पंडित के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 406, 408, 420, 467, 468, 471, 380, 506, 34,120b के अंतर्गत मामला दर्ज करने की शिकायत की है. इस मामले में उन्होंने डीजीपी मध्य प्रदेश, मुख्यमंत्री, बीसीसीआई और प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में सख्त कार्रवाई की मांग की है.
मुख्यमंत्री ने नहीं की कार्रवाई तो उच्च न्यायालय में करेंगे कंप्लेन
उन्होंने इस शिकायत में यह भी मांग की है कि फर्जीवाड़ा और धोखाधड़ी से सदस्य के रुप में नियुक्ति पाने वालों के खिलाफ भी एफ़आइआर दर्ज की जाये. राकेश यादव ने प्रदेश सरकार को चेततावनी दी है कि यदि मुख्यमंत्री मामला दर्ज करवाकर जांच नहीं करवाते हैं, तो वह उच्च न्यायालय में क्रिमिनल कंप्लेन दायर करेंगे.
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