Madhya Pradesh Gopal Singh Engineer Join BJP: तमाम अटकलों और कयासों पर विराम लगाते हुए कांग्रेस (Congress) के वरिष्ठ नेता गोपाल सिंह इंजीनियर (Gopal Singh Engineer) ने बुधवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा की मौजूदगी में बीजेपी का दामन थाम लिया. गोपाल सिंह इंजीनियर के साथ 4 जिला पंचायत सदस्यों और कई कार्यकर्ताओ ने भी कांग्रेस का साथ छोड़ बीजेपी का हाथ पकड़ लिया. गोपाल सिंह इंजीनियर सीहोर (Sehore) जिले की आष्टा विधानसभा से 3 बार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं और तीनों बार ही पराजय का सामना करना पड़ा है. इसके बावजूद गोपाल सिंह लागातर सक्रिय रूप से कांग्रेस का कार्य कर रहे थे. वहीं, अगले साल 2023 में मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में कांग्रेस के लिए ये बड़ा झटका माना जा रहा है.
100 से ज्यादा लोगों के बीजेपी में जाने की खबर
सीएम हाउस में आयोजित कार्यक्रम में गोपाल सिंह इंजीनियर ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, सांसद रमाकांत भार्गव, सांसद महेंद्र सोलंकी, बीजेपी जिला अध्यक्ष रवि मालवीय, विधायक रघुनाथ सिंह मालवीय, किसान मोर्चा जिला अध्यक्ष मानसिंह इलाही की मौजूदगी में बीजपी की सदस्यता ग्रहण की. गोपाल सिंह इंजीनियर के साथ जिला पंचायत सदस्य व कई अन्य कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस छोड़ बीजेपी की सदस्यता को ग्रहण किया. जानकारी अनुसार 100 से ज्यादा लोगों के बीजेपी में जाने की खबर है.
कांग्रेस में अंदरूनी कलह
2018 विधानसभा चुनाव में जिले की चारों विधानसभा सीटों से पराजित हुई कांग्रेस ने शायद कोई सबक नहीं लिया है. जिसके चलते अगले साल होने वाले 2023 विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस की अंदरूनी कलह खुलकर सामने आ रही है. एक-एक कर दिग्गज नेता कांग्रेस को छोड़ने पर मजबूर हो रहे हैं. विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस अंदरूनी कलह से जूझ रही है. जिससे पार्टी को नुकसान होता दिखाई दे रहा है.
कांग्रेस से हो रहा है मोहभंग
गौरतलब है कि, मेहतवाड़ा के कांग्रेस नेता कमल पहलवान और गोपाल सिंह इंजीनियर के बीच मनभेद की खबरें भी सामने आ चुकी हैं. वहीं बीते माह लखन ठाकुर ने भी कांग्रेस से नाराज होकर बीजेपी का दामन थाम लिया था. अब कांग्रेस के टिकट से तीन बार विधानसभा चुनाव लड़ चुके गोपाल इंजीनियर और जिला पंचायत सदस्यों का कांग्रेस को छोड़कर बीजेपी में जाना कांग्रेस की अंदरूनी कलह को उजागर करता है.
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