Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश में हुई बारिश के चलते जनजीवन अस्त व्यस्त तो हुआ ही था, नदी-नाले और डैम ओवरफ्लो हो गए थे. कई जगह बाढ़ से भारी नुकसान हुआ था. इसी बीच कई जिलों में किसान अब अपनी फसलों को लेकर चिंतित हैं क्योंकि उनकी फसल बारिश के चलते सड़ गई या फिर खराब हो गई है. हम बात कर रहे हैं मध्य प्रदेश के सागर (Sagar) जिले की. जहां पर किसानों ने अभी तक तो घर, दुकान और कीमती सामान रखने वाली जगह पर ताले लगाए थे लेकिन जिले में कई स्थानों पर अधिक बारिश होने के बाद किसानों ने अपने खेतों में ताले लगा दिए हैं और अपना जीवन यापन करने के लिए मजदूरी की तलाश में निकल पड़े हैं.
फसल हो गई है खराब
इस बार हुई कम-ज्यादा बारिश का असर सीधा खेती पर पड़ा है. कहीं लोग अच्छी बारिश के इंतजार में बोवनी नहीं कर पाए तो कहीं ज्यादा बारिश होने से खेत गीले होने से बोवनी नहीं हो सकी. इसके चलते पिछली बार की तुलना में इस बार खरीफ सीजन में 93 हजार हेक्टेयर में कम बोवनी हुई है. पिछले साल 5.58 लाख हेक्टेयर में बोवनी हुई थी जबकि इस बार 4.65 लाख हेक्टेयर में ही बोवनी हुई है. बारिश के अनियमित होने के चलते वर्तमान में हालात यह हैं कि किसानों द्वारा जो फसल बोई गई थी वह कहीं सड़कर नष्ट हो गई है तो कहीं सूखकर खराब हो गई है.
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किसानों ने क्या कहा
किसानों ने बताया कि हम बेहद चिंतित हैं क्योंकि लाखों रुपये हमने खेती किसानी में खर्च किए. फसल बोई लेकिन बारिश के चलते पूरी तरह से हम बर्बाद हो गए हैं. घर का खर्च भी नहीं चला सकते इसलिए हमने अब विपरीत स्थिति में अपने खेतों में ताले डालकर मजदूरी की तलाश प्रारंभ कर दी है. वहीं कुछ किसान अब कोई दूसरी फसल लगाकर प्रतीक्षा कर रहे हैं कि कब बारिश हो और कब उनके खेतों में फसल होगी. हालात यह है कि खेतों में जो खराब बोई गई फसल है उसको खाने के लिए किसानों ने मवेशियों को छोड़ रखा है.
क्या सलाह दी गई
इस मामले में अभी प्रशासन की तरफ से किसानों का सर्वे आदि करने की कोई पहल नहीं की गई है. किसानों ने अपनी फसल खराब होने की सूचना प्रशासन को दे दी है. इस मामले में उप संचालक बीएल मालवीय का कहना है कि किसानों की फसल ज्यादा बारिश के चलते करीब 5 परसेंट तक खराब हुई है. उन्होंने किसानों को सलाह दी कि वह दूसरी फसल लगा लें जिससे उनके नुकसान की भरपाई हो जाएगी क्योंकि कई ऐसी फसलें हैं जो जल्दी तैयार हो जाती हैं. इसके बाद वह आने वाले समय में गेहूं की फसल को भी लगा सकते हैं.