Protest Against GST: देश में नॉन ब्रांडेड आटा, दाल, चावल आदि खाद्य पदार्थों पर 5% जीएसटी (GST) लगाने के विरोध में शनिवार को पूरे भारत में दाल इंडस्ट्रीज़ ने अपना कारोबार एक दिन के लिए बंद रखा. उनका ये बंद सफलतापूर्ण सफल रहा. भारतीय उद्योग व्यापार मण्डल, नई दिल्ली और ऑल इंडिया दाल मिल एसोसिएशन के आव्हान पर बंद का समर्थन मिल मालिकों से लेकर बड़े और छोटे कारोबारियों ने किया और एक दिन अपना कामकाज बंद रखा.
18 जुलाई से लागू होगी 5 प्रतिसत GST
दरअसल नॉन ब्रांडेड आटा, दाल, चावल आदि खाद्य पदार्थों पर 5% जीएसटी 18 जुलाई से लागू होना है और इसी के विरोध में पूरे भारत में दाल इंडस्ट्रीज़ ने एक दिन तक कारोबार बंद रखा. वहीं देश की सभी मंडियों पर इसका असर देखने को मिला. बताया जा रहा है कि 18 जुलाई 2022 से सभी प्रकार के दाल-दलहन, अन्य जीवनोपयोगी खाद्यान्नों और मोटे अनाजों पर 5% जीएसटी लगाया जा रहा है.
देश के इन राज्यों में दिखा बंद का असर
वहीं दाल इंडस्ट्रीज़ के बंद का असर महाराष्ट्र में अकोला से लेकर गुजरात के बड़ौदा तक में दिखा. उत्तरप्रदेश के कानपुर से लेकर मध्यप्रदेश के इंदौर में एक दिन बंद का व्यापक असर देखा गया है. इसके अलावा छत्तीसगढ़, राजस्थान, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, दिल्ली, बिहार, झारखंड, तेलंगाना, तमिलनाडु, प.बंगाल, असम, ओडिशा में भी बंद का असर देखा गया. मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में मंडी कारोबार ठप पड़ गया.
5 प्रतिशत जीएसटी लगाना अनुचित है
ऑल इंडिया दाल मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल ने एबीपी न्यूज से बात करते हुए बताया कि इस तरह दाल - दलहन और खाद्यान्न पदार्थों पर 5 प्रतिशत जीएसटी लगाना अनुचित है. जीएसटी काउंसिल को ये सोचकर फैसला लेना था कि छोटे कारोबारियों से लेकर बड़े मिल मालिकों तक इसका सीधा असर होगा और आम जनता को इसका खामियाजा महंगाई के रूप में उठाना पड़ेगा. वहीं दाल - दलहन के निर्यात पर भी इसका असर होगा. ऐसे में देश के पीएम नरेंद्र मोदी को दखल देकर जीएसटी को हटाया जाना चाहिए नहीं तो बाजार के हाल बुरे हो जाएंगे. उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश की 700 दाल मिलों सहित देशभर की 8 हजार मिलो में आज कामकाज पूरी तरह से बंद रहा और एक तरह से ये सरकार के राजस्व का बड़ा नुकसान है.
बताते चलें कि दाल - दलहन के कारोबार से जुड़े जानकारों का मानना है कि जल्द ही सरकार 5 प्रतिशत जीएसटी मामले में अपना निर्णय बदल सकती है.