Madhya Pradesh News: मध्यप्रदेश में अब किसी ने पब्लिक प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाया तो उसकी खैर नहीं. नुकसान की भरपाई उसी से की जाएगी जो नुकसान पहुंचाने में शामिल रहेगा. प्रदेश में इसके लिए विधानसभा से पारित अधिनियम में स्पष्ट किया गया है कि किसी व्यक्ति अथवा व्यक्तियों के समूह, जो कि सांप्रदायिक दंगा, हड़ताल, बंद, प्रदर्शन, जुलूस, यातायात का घेराव या लोगों का ऐसा जमाव जो किसी भी नाम से जाना जाता हो, के कारण किसी संपत्ति को कोई भी हानि या नुकसान होने पर नुकसान पहुंचाने वाला कार्य माना जाएगा.


विधेयक विधानसभा में पारित
मध्यप्रदेश लोक एवं निजी संपत्ति को नुकसान का निवारण और नुकसान की वसूली विधेयक 2021 विधानसभा से पारित कर दिया गया है. आंदोलन, हड़ताल, बंद, दंगों (सांप्रदायिक या अन्यथा), लोक अशांति, अभ्यापत्ति या इसके समान गतिविधियों के नाम पर सार्वजनिक तथा निजी संपत्ति को बड़े स्तर पर नुकसान पहुंचाने को सरकार ने गंभीरता से लिया है. विधि विधायी मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने में संलिप्त रहने वाले ऐसे लोगों से कानूनन राशि वसूल की जाएगी. उक्त आशय का विधेयक क्र.-34 विधानसभा के शीतकालीन सत्र-2021 में पारित कर दिया गया है. संपत्ति के नुकसान की राशि के निर्धारण और दावे के लिये दावा अधिकरण के गठन भी प्रावधान किया गया है.


दावा अधिकरण का गठन होगा
मंत्री डॉ. मिश्रा ने बताया है कि लोक व्यवस्था की अशांति के दौरान संपत्तियों को पहुंचाये गये नुकसान की वसूली तथा किये गये नुकसान का निर्धारण करने के लिये दावा अधिकरण का गठन किया जाएगा. दावा अधिकरण, प्रतिकर भी अधिनिर्णित करेगा. अधिनियम में स्पष्ट किया गया है कि किसी व्यक्ति अथवा व्यक्तियों के समूह, जो कि सांप्रदायिक दंगा, हड़ताल, बंद, प्रदर्शन, जुलूस, यातायात का घेराव या लोगों का ऐसा जमाव जो किसी भी नाम से जाना जाता हो, के कारण किसी संपत्ति को कोई भी हानि या नुकसान होने पर नुकसान पहुंचाने वाला कार्य माना जाएगा. संपत्ति किसी व्यक्ति, केन्द्र सरकार, राज्य सरकार, स्थानीय प्राधिकरण, सहकारी सोसायटी, कंपनी, केन्द्र या राज्य अधिनियम में गठित कोई कानूनी निकाय, कोई संस्था या उपक्रम के स्वामित्व या नियंत्रण की हो सकती है.


दावा याचिका 30 दिन में प्रस्तुत होगी
मंत्री डॉ. मिश्रा ने बताया कि सार्वजनिक और निजी दोनों ही प्रकार की संपत्तियों को होने वाले नुकसान की दशा में वसूली के लिये 30 दिन में दावा अधिकरण के समक्ष दावा याचिका प्रस्तुत करना होगा. जहां सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया है, वहां जिला मजिस्ट्रेट या सार्वजनिक संपत्ति का भार साधक अधिकारी दावा याचिका प्रस्तुत करेगा. इसी प्रकार जहां निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया है, वहां क्षतिग्रस्त संपत्ति का स्वामी उस तारीख से 30 दिन के भीतर दावा अधिकरण के समक्ष प्रतिकर अधिनिर्णित करने के लिये दावा याचिका प्रस्तुत करेगा.


कौन होगा अधिकरण का सदस्य
मंत्री डॉ. मिश्रा ने बताया कि दावा अधिकरण में एक या अधिक सदस्य नियुक्त किये जा सकेंगे. दावा अधिकरण के सदस्य जिला न्यायाधीश के रूप में 5 वर्ष या उससे अधिक की सेवा करने वाले सेवानिवृत्त जिला न्यायाधीश या राज्य सरकार के सचिव स्तर के या समकक्ष अधिकारी होंगे. अधिनियम के अनुसार सरकार द्वारा एक या अधिक दावा अधिकरण गठित किये जा सकेंगे. जहां किसी क्षेत्र के लिये 2 या अधिक दावा अधिकरण गठित किये गये हैं, वहां राज्य सरकार सामान्य या विशेष आदेश द्वारा उनके बीच कारोबार का वितरण अवधारित कर सकेगी. अधिकरण संपत्ति को होने वाले नुकसान का मूल्यांकन कर उसकी मुआवजा राशि का निर्धारण करेगा. अधिकरण यथासंभव 3 माह की अवधि में निराकरण का विनिश्चय करेगा.


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