Damoh: सरकारी दावों के विपरीत कुपोषण का दंश झेल रहे मासूम, दमोह में कुपोषित बच्ची ने तोड़ा दम
MP News: मध्य प्रदेश के दमोह में एक बच्ची के शरीर में खून की मात्रा औसत से बेहद कम पाई गई थी. उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया. हालांकि इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.
Malnutrition Case In MP: सरकार की तमाम योजनाओं और दावों के बावजूद भी मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) कुपोषण का दंश झेलने को मजबूर है. अब कुपोषण (Malnutrition) से एक बच्ची की मौत से जुड़ी खबर दमोह (Damoh) जिले से आई है. यहां जिला अस्पताल के पोषण पुनर्वास केंद्र (NRC) में भर्ती डेढ़ साल की अतिकुपोषित बच्ची की मौत हो गई. उसे रविवार को तेंदूखेड़ा ब्लॉक से दमोह रेफर किया गया था. दमोह एनआरसी केंद्र के नोडल अधिकारी डॉ. सुनील जैन के मुताबिक बच्ची कुपोषण की चौथी कैटेगरी में थी. उसके दोनों पैरों में सूजन थी. उसके शरीर में खून भी बहुत कम था.
बताया गया है कि बच्ची जब अस्पताल लाई गई तो उसके शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा सिर्फ 6.5 ग्राम थी. सामान्य तौर पर हीमोग्लोबिन की मात्रा 10 से 11 ग्राम के बीच में होनी चाहिए. तेंदूखेड़ा विकासखंड के अंतर्गत बगदरी के घुटरिया में नारायन आदिवासी अपनी डेढ़ साल की बच्ची दुर्गा को गंभीर हालत में नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे थे. बच्ची की हालत बेहद खराब होने के कारण उसे यहां से दमोह जिला अस्पताल के एनआरसी रेफर किया गया. उसे आगे पीआईसीयू में भर्ती कराया गया, जहां मासूम की मौत हो गई. महिला बाल विकास के परियोजना अधिकारी रिंकल घनघोरिया ने बताया कि मामले की जांच की जाएगी.जबकि सेक्टर सुपरवाइजर विमला ठाकुर ने यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि समझाने के बाद भी लोग बच्चों को समय पर भर्ती नहीं कराते हैं.
मध्य प्रदेश में कुपोषण का आंकड़ा
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (5) के मुताबिक मध्य प्रदेश में 19 प्रतिशत बच्चे अल्प पोषित (मध्यम कुपोषित) और 6.5 प्रतिशत बच्चे अति गंभीर (तीव्र) कुपोषित हैं. हालांकि,राज्य में कितने बच्चे कुपोषित हैं, इसके आंकड़ों में घालमेल है. राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (5) के अनुसार मध्य प्रदेश में 19 प्रतिशत बच्चे अल्प पोषित (लंबाई के अनुसार कम वजन) है, लेकिन महिला एवं बाल विकास विभाग के अनुसार केवल 3.93 प्रतिशत बच्चे ही कुपोषित हैं. मध्य प्रदेश में कुपोषण की एक बड़ी वजह पोषण आहार घोटाला भी माना जाता है, जिसे लेकर हाई कोर्ट भी टिप्पणी कर चुका है.
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