Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के अंदर इस साल बारिश ने बीते कई दशकों का रिकॉर्ड तोड़ (Heavy rain) दिया है. रिकॉर्ड पर नजर डालें तो अबतक लगभग 37 इंच से अधिक बारिश मध्य प्रदेश में हो चुकी है जो कि औसतन होने वाली सामान्य बारिश से कई प्रतिशत अधिक है. राजधानी भोपाल (Bhopal), इंदौर (Indore) और नर्मदा पुरम (Narmada Puram) संभागों में सभी जिले बारिश के पानी से तरबतर हो गए हैं. राजधानी भोपाल और इंदौर से सटे ओमकारेश्वर डैम, कोलार डैम, गांधी सागर बांध, इंदिरा सागर बांध सहित कई बांध लबालब भरे हैं. इसकी वजह से किसानों को सिंचाई के लिए आने वाले सीजन में राहत मिलने वाली है. साथ ही साथ भूमिगत जल स्तर में भी बढ़ोतरी की पूरी संभावना है.
नहीं होगी पानी की कमी
इस बार हुई बारिश के चलते किसानों के चेहरे खिले रहने वाले हैं. साथ ही साथ आम जनजीवन पर भी बारिश का असर देखने को मिलेगा. विशेषज्ञों द्वारा संभावना व्यक्त की जा रही है कि इस बार मध्य प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में जल संकट की समस्या नहीं होने वाली है क्योंकि जो डैम जल व्यवस्था को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं वे सभी इस बार लबालब भर गए हैं जिसके कारण आम जनता को लाभ होगा. राजधानी भोपाल के पास बना कोलार डैम इस बार पूरा लबालब होने से राजधानी को भरपूर पानी मिलने की संभावना है.
मानसून वापसी के संकेत
मौसम वैज्ञानिक एमएस तोमर ने बताया कि, भोपाल, रीवा, शहडोल और जबलपुर संभाग के जिलों में कहीं-कहीं छुटपुट बौछारें पड़ सकती हैं. उत्तर भारत में पश्चिमी विक्षोभ के आने पर सुबह के समय ओस गिरने का सिलसिला शुरू होने से मानसून की विदाई के भी संकेत मिलने लगे हैं. वहीं वर्तमान में कोई भी प्रभावी मौसम प्रणाली के सकेंत नहीं है. वातावरण में मौजूद नमी के कारण तापमान बढ़ सकता है और कहीं कहीं बौछारें पड़ सकती हैं.