(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Madhya Pradesh News: सरकारी बंगले में नहीं रहेंगे मध्य प्रदेश के डिप्टी CM राजेन्द्र शुक्ल, पड़ोसियों से किए वादे के बाद लिया ये फैसला
Bhopal News: डिप्टी सीएम राजेन्द्र शुक्ल अपने निजी आवास में ही रहेंगे, जबकि सरकारी बंगले में उनका कार्यालय संचालित होगा. उपमुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल इस सरकारी बंगले से कामकाज देखेंगे.
Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद जीते विधायक और मंत्रियों में अब भोपाल में बंगलों को लेकर होड़ सी लगी है, लेकिन प्रदेश के उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल को नए बंगले की कोई चिंता फिक्र नहीं है. डिप्टी सीएम शुक्ल ने अपने पड़ोसियों से वादा किया है कि वह बावड़ियाकलां स्थित स्काई विला स्थित निजी घर में ही रहेंगे.
बता दें प्रदेश में नई सरकार के मंत्रिमंडल का गठन होने के बाद से मंत्रियों को पसंदीदा बंगले की चाहत है. पूर्व के मंत्री और विधायकों द्वारा बंगले खाली नहीं करने से ज्यादातर मंत्रियों को अभी तक बंगले नहीं मिले हैं. ऐसे में गृह विभाग मंत्रियों के लिए बंगलों की व्यवस्था में जुटा है, लेकिन उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने अपने पड़ोसियों से वादा किया है कि वह अपने निजी घर में ही रहेंगे, वह निजी घर को नहीं छोड़ेंगे.
शुभ साबित हुआ डिप्टी सीएम का बंगला
बता दें डिप्टी सीएम राजेन्द्र शुक्ल का बावड़ियाकलां स्थित स्काई विला में आलीशान बंगला है. इस बंगले में गृह प्रवेश के बाद उन्हें पिछली सरकार में दो महीने के लिए मंत्री बनने का मौका मिला और अब वह प्रदेश के डिप्टी सीएम हैं. नया घर राजेन्द्र शुक्ल के लिए शुभ साबित हो रहा है. भले ही डिप्टी सीएम राजेन्द्र शुक्ल अपना निजी घर नहीं छोड़े, लोकिन उन्हें सरकारी बंगला भी उपलब्ध होगा. ऐसे में चर्चा है कि डिप्टी सीएम राजेन्द्र शुक्ल के सरकारी बंगले में कार्यालय संचालित होगा. यहां उनका स्टॉफ मौजूद रहेगा. उपमुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल इसी सरकारी बंगले से कामकाज देखेंगे.
विधानसभा सचिवालय ने भेजा था पत्र
दरअसल विधानसभा सचिवालय ने 37 ऐसे विधायकों को भोपाल में स्थित सरकारी आवास को खाली करने के लिए आग्रह पत्र भेजा था, जिन्होंने चुनाव नहीं लड़ा था. वहीं विधानसभा चुनाव का रिजल्ट आते ही विधानसभा सचिवालय ऐसे जनप्रतिनिधियों को भी पत्र दिया, जिन्होंने इस चुनाव में हार का सामना किया है. इनमें पिछली सरकार के 12 मंत्री भी शामिल थे, जो चुनाव हार गए थे.