Dev Deepawali 2023: देवों के देव महादेव के दरबार में देव दीपावली की धूम, उज्जैन में महाकाल दर्शन के लिए उमड़े श्रद्धालु
MP News: देवउठनी ग्यारस पर भगवान महाकाल का अद्भुत श्रंगार किया जा रहा है. इसके अलावा भगवान की आरती के दौरान फुलझड़ी भी जलाई जा रही है. बता दें कि देवउठनी की शुरुआत महाकालेश्वर मंदिर से ही होती है.
Mahakal Temple News: देवउठनी ग्यारस यानी देव उठाने की परंपरा को उज्जैन (Ujjain) के महाकालेश्वर मंदिर में अनूठे ढंग से निभाया जाता है. मंदिर में दीपावली पर्व की तरह पूजा-अर्चना के दौरान फुलझड़ी जलाई जाती है. इसके अलावा भगवान के दर्शन करने के लिए भी बड़ी संख्या में भक्त आते हैं. उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में देव दीपावली पर्व पर आज यानी गुरुवार को भक्तों का तांता लगा हुआ है.
महाकालेश्वर मंदिर के पुरोहित भूषण गुरु के मुताबिक, देव उठनी ग्यारस पर भगवान महाकाल की विधि विधान के साथ पूजा-अर्चना होती है. देवउठनी ग्यारस पर पंडित और पुरोहित परिवार द्वारा भगवान महाकाल से विश्व मंगल की कामना को लेकर प्रार्थना भी की जाती है. उन्होंने बताया कि महाकालेश्वर मंदिर में जिस प्रकार से दीपावली पर्व की शुरुआत होती है, उसी तरह देवउठनी पर्व की शुरुआत भी महाकालेश्वर मंदिर से ही होती है. देवों के देव महादेव 25 नवंबर को पृथ्वी का भार भगवान विष्णु को सौंपेंगे. इस दौरान हरिहर मिलन भी होगा.
भगवान महाकाल को पहनाते हैं तुलसी की माला
देवउठनी ग्यारस से महाकालेश्वर मंदिर और गोपाल मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना का क्रम शुरू होता है. देवउठनी ग्यारस पर भगवान महाकाल का अद्भुत श्रृंगार किया जा रहा है. इसके अलावा भगवान की आरती के दौरान फुलझड़ी भी जलाई जा रही है. महाकालेश्वर मंदिर के राम पुजारी ने बताया कि हरिहर मिलन जब होता है तब भगवान महाकाल और द्वारकाधीश गोपाल की एक साथ आराधना की जाती है. भगवान महाकाल को हरिहर मिलन के दौरान तुलसी की माला पहनाई जाती है, जबकि भगवान विष्णु अर्थात गोपाल को बेलपत्र की माला पहनाई जाती है. जब महादेव पृथ्वी का भार भगवान विष्णु को सौंपते हैं, तो इस दौरान शिव और वैष्णव भक्तों में काफी उत्साह रहता है.