Sawan 2022: सावन के दूसरे सोमवार को हुई महाकाल की भस्म आरती, महाकाल के दर्शन मात्र से ही दूर होता है काल सर्प दोष
Ujjain News: सावन के दूसरे सोमवार को भारी संख्या में श्रद्धालु उज्जैन के प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्वर के दरबार में दिव्य भस्म आरती में शामिल हुए और पूजा-अर्चना की.
MP News: सावन के दूसरे सोमवार को भगवान महाकाल के दरबार में दिव्य भस्म आरती हुई. भस्म आरती में शामिल होने के लिए श्रद्धालुओं का जन सैलाब उमड़ पड़ा. आज भगवान महाकाल के दर्शन करने के लिए देशभर के श्रद्धालु उज्जैन पहुंचे. प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्वर के दरबार में सावन के महीने में आरती का समय परिवर्तित कर दिया जाता है. सावन के दूसरे सोमवार को तड़के करीब 2:00 बजे महाकाल के दरबार के पट खोले गए. इसके बाद भगवान का जल, दूध, दही, सुगंधित इत्र, फलों के रस से अभिषेक कराया गया.
अभिषेक के बाद महाकाल का भांग, सूखे मेवे आदि से श्रृंगार हुआ. इसके बाद भस्म आरती की गई. महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी महेश ने बताया कि सावन के दूसरे सोमवार को अधिक संख्या में श्रद्धालु महाकाल का दर्शन करने के लिए उज्जैन पहुंचे हैं. सावन के महीने में महाकाल के दर्शन करने से काल सर्प दोष का निवारण होता है. उन्होंने बताया कि महाकाल कालों के काल हैं और उनके दर्शन मात्र से ही सारी पीड़ा और बाधा दूर हो जाती है. यही वजह है कि देश भर के करोड़ों भक्तों की महाकालेश्वर मंदिर में आस्था है. यहां पर भक्त सावन के महीने में जरूर राजाधिराज का आशीर्वाद लेने के लिए आते हैं.
शिव भक्तों में दिखा खासा उत्साह
भस्म आरती में शामिल होने आई प्रीति सिंह ने बताया कि मंदिर परिसर ही नहीं बल्कि आसपास के इलाकों में भी काफी भीड़ है लेकिन भगवान की आरती में शामिल होकर सारी तपस्या और मेहनत सफल हो गई है. महाकाल के दर्शन और आरती का अद्भुत सुख शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है. एक अन्य श्रद्धालु आरती ने बताया कि वे पहली बार भस्म आरती में शामिल हुई हैं. भस्म आरती में शामिल होकर ऐसा प्रतीत हुआ कि मानो कैलाश पर्वत पर भगवान शिव की आराधना चल रही है. जैसा भस्म आरती के बारे में सुना था उससे ज्यादा अद्भुत पाया है.
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