Madhya Pradesh Dewas Fake Urea Plant: देवास (Dewas) में प्रदूषण कम करने के लिए भारी वाहनों में पड़ने वाले नकली यूरिया का प्लांट (Fake Urea Plant) संचालित किया जा रहा था. मामले में पुलिस ने छापेमारी की कार्रवाई को अंजाम दिया है. एसपी डॉ शिवदयाल सिंह ने बताया कि लगातार सूचना मिल रही थी कि शिप्रा इलाके में वेयर हाउस के समीप एक फैक्ट्री संचालित की जा रही है. इस फैक्ट्री के संबंध में समस्त सरकारी विभागों से कोई अनुमति भी नहीं ली गई है. इसी सूचना के आधार पर औद्योगिक थाना पुलिस को जांच के निर्देश दिए गए.
50 लाख से ज्यादा का माल बरामद
औद्योगिक थाने के उप निरीक्षक और जांच अधिकारी आरके शर्मा ने बताया कि वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर छापामार कार्रवाई की गई. इस दौरान मौके से नकली यूरिया बनाने का कारखाना मिला. इस मामले में अमन, सोनू उर्फ गिरिराज और दिनेश उर्फ धनराज को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई तो तीनों ने चौंकाने वाली जानकारी दी. उन्होंने BS6 भारी वाहनों में डालने वाले यूरिया का नकली कारखाना संचालित करते हुए लाखों रुपए का माल बेच दिया. इस मामले में तीनों आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी की धाराओं में अपराध पंजीबद्ध करते हुए जांच शुरू कर दी गई है. मौके से पुलिस ने 50 लाख से ज्यादा का माल बरामद किया है.
किराए के गोदाम में चल रही थी नकली फैक्ट्री
टाटा जेन्यून डीजल एग्जैक्ट फ्लूट के नाम से फर्जी तरीके से यूरिया बनाया जा रहा था. पुलिस के मुताबिक ये यूरिया आरोपियों द्वारा लगभग ₹1000 की लागत से एक बाल्टी तैयार की जा रही थी और इसे 1600 रुपए में बाजार में बेचा जा रहा था. इस पूरे मामले को लेकर सभी सक्षम विभागों से जानकारी भी मांगी जा रही है. आरोपियों द्वारा किराए के गोदाम में ये फर्जी फैक्ट्री संचालित की जा रही थी. इस मामले में मकान मालिक को भी नोटिस जारी किया जा रहा है.
प्रदूषण रोकने के लिए डाला जाता है यूरिया
ट्रक, हाईवा, डंपर आदि व्यवसायिक वाहनों में प्रदूषण रोकने और वाहन को उचित गति से चलाने में यूरिया का महत्वपूर्ण योगदान माना जाता है. BS6 वाहनों में यूरिया का उपयोग होता है. वर्तमान समय में BS6 वाहनों की बिक्री हो रही है. इसी वजह से नकली यूरिया भी खूब डिमांड में था.
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