MP News: सीएम शिवराज ने किया कुक्षी सूक्ष्म सिंचाई परियोजना का भूमिपूजन, इतने लाख करोड़ का है प्रोजेक्ट
MP News: CM शिवराज ने नर्मदा नदी के तट पर पूजा अर्चना कर चुनरी ओढ़ाई. इसके बाद विकास पर्व का शुभारंभ किया. वहीं 27 सौ करोड़ से अधिक की कुक्षी सूक्ष्म सिंचाई परियोजना का भूमि पूजन भी किया.
MP News: मध्य प्रदेश में इस बार होने वाले विधानसभा चुनाव में जिस प्रकार की राजनीतिक प्रतिद्वंदिता देखने को मिल रही है, शायद इससे पहले कभी भी देखने को नहीं मिली थी. मुख्यमंत्री चौहान ने प्रदेश में आज से प्रारंभ हुए विकास पर्व की शुरूआत स्थानीय कृषक मोहन सिंह चौहान, उनकी पत्नी रंगीली बाई और श्रमिक पर्वत के साथ 2771 करोड़ 16 लाख के विकास कार्यों के भूमि-पूजन से की.
सीएम शिवराज सिंह रविवार (16 जुलाई) को प्रदेश के धार जिले के कुक्षी पहुंचे. जहां उन्होंने उन्होंने मां नर्मदा नदी (Maa Narmada River) के तट पर मेघनाथ घाट पर पूजा अर्चना की. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने 30 दिन तक चलने वाले विकास पर्व यात्रा की शुरुआत की हैं. मुख्यमंत्री स्थानीय लोगों के साथ भजन भी गाया. वहीं कुक्षी और गंधवानी विधानसभा के 175 गांवों की 75 हजार हेक्टेयर कृषि भूमि को नर्मदा से सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध करवाने वाली 27 सौ करोड़ से अधिक की कुक्षी सूक्ष्म सिंचाई परियोजना का भूमि पूजन भी किया.
'जनता के जीवन को बदलने का काम किया जा रहा है'
मुख्यमंत्री ने लाडली बहना योजना सहित अन्य योजनाओं का ज़िक्र करते हुए कहा कि ये प्रदेशवासियों की ज़िंदगी में सकारात्मक परिवर्तन ला रही हैं. प्रधानमंत्री मोदी के "सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास" मंत्र को आत्मसात करके हम आगे बढ़ रहे है. साथ ही जन-कल्याण, सुराज और विकास को शासन का आधार-स्तंभ बनाकर जनता के जीवन को बदलने का काम भी किया जा रहा है.
क्या है कुक्षी सूक्ष्म सिंचाई परियोजना
- परियोजना की लागत 2 हजार 771 करोड़.
- धार जिले के 175 ग्रामों के किसानों को 75 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई का लाभ मिलेगा.
- कुक्षी तहसील के 96 गांव और गंधवानी तहसील के 79 गांव का कृषि भूमि में सिंचाई का प्रावधान है.
- कुक्षी तहसील के 96 ग्रामों में लगभग 40 हजार हेक्टेयर में सिंचाई होगी.
- गंधवानी तहसील के 79 ग्रामों में लगभग 35 हेक्टेयर में सिंचाई होगी.
- परियोजना से लाभान्वित कृषकों की संख्या लगभग 1 लाख 25 हजार है.
- भूमिगत नहर प्रणाली से किसानों के खेत तक प्रेशराइज्ड जल उपलब्ध कराया जाएगा. जिससे खेतों में स्प्रिंकलर/ड्रीप सिंचाई की जा सकेगी.
- इस पद्धति से सिंचाई मिलने पर कृषकों को खेत समतल करने की आवश्यकता नहीं होगी.
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