Dhar News: जहां एक ओर समूचे विश्व में मनुष्य दो साल तक कोरोना वायरस का दंश झेल रहा था. अब उसी तरह भारत के कई राज्यों में पशुओं पर खासतौर पर गायों पर लंपी नामक वायरस ने अटैक करना शुरू कर दिया है. दरअसल, गुजरात (Gujrat) और राजस्थान (Rajasthan) के बाद अब ये वायरस मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की तरफ बढ़ चला है. मध्यप्रदेश एक दुधारू और पशु पालक राज्य है और यहां भी गायों को भगवान की तरह पूजा जाता है. किसान और पशु पालक गायों पर पड़े अटैक से हैरान है. हाल ही में मध्य प्रदेश के धार (Dhar) जिले के कुक्षी के डेहरी गांव में एक गर्भवती (ग्यावन) गाय की अचानक हुई मौत से हड़कंप मच गया है.


लंपी वायरस से गर्भवती गाय की मौत


बताया जा रहा है कि डेहरी गांव के ग्रामीण गाय की मौत को लंपी वायरस का प्रकोप बता रहे है लिहाजा अब पशु चिकित्सा विभाग भी गाय की मौत के बाद अलर्ट मोड पर आ चुका है. दरअसल, धार जिले के डेहरी गांव के पशुपालक निजामुद्दीन शेख के पास जो गाय थी वो गर्भवती थी और बीते शनिवार को उसकी अचानक मौत हो गई. निजामुद्दीन के मुताबिक उनकी गाय में लंपी वायरस होने की पुष्टि पशु चिकित्सा विभाग द्वारा की गई थी और गाय को आइसोलेट कर इलाज भी चल रहा था लेकिन अचानक गाय के शरीर पर फफोले पड़ने लगें और पैरों में सूजन आने लगी थी.


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10 दिन इलाज के बाद गाय की मौत


वहीं उन्होंने बताया कि उनकी गाय के शरीर मे गांठ भी थी जिसके बाद पशु चिकित्सा विभाग को सूचना दी गई तब दो दफा डॉक्टरों ने उनके घर आकर जांच की और उनकी गाय को 7 दिन के लिए आइसोलेशन में रख दिया. इसी बीच उनकी गाय की मौत हो गई. हालांकि, निजामुद्दीन शेख ने ये भी बताया कि उनकी गाय में ग्यावन थी और उसने बछड़े को जन्म भी दिया लेकिन वो नहीं समझ पाए थे कि सबसे पहले जो दाने उभर रहे थे इसके बाद पशु हॉस्पिटल से डॉक्टर आये थे और करीब 10 दिन इलाज चलने के बाद शरीर पर दाने, सूजन होने के चलते वो अचानक कमजोर हुई और आखिर में उसने दम तोड़ दिया.


कैप्रीपॉक्स वायरस के कारण फैलता है संक्रमण


बता दें कि लंपी वायरस ने 2019 में भारत में दस्तक दी थी. जिसके चलते खासतौर पर गायों में त्वचा का रोग पनपता है और उनकी त्वचा में गांठ के अलावा दाने बन जाते हैं जिसे एलएसडीवी कहते हैं. ये संक्रमण एक जानवर से दूसरे में फैलता है. ये संक्रमण कैप्रीपॉक्स वायरस के कारण फैलता है और जानकारों की मानें तो ये बीमारी मच्छर के काटने से जानवरों में फैलती है. वही लंपी की चपेट में आने के बाद पशुओ को बुखार आना, वजन में कमी, आंखों से पानी टपकना, शरीर पर दाने निकलना और भूख नहीं लगती है.


लक्षण दिखते ही करना चाहिए सूचित


धार जिले के डेहरी पशु औषधालय के पशु चिकित्सा क्षेत्राधिकारी नंदकिशोर चौहान ने बताया कि सूचना मिली है कि डेहरी और लुनेरा गांव सहित अन्य स्थानों पर लंपी के फैलने की सूचना मिली है. उन्होंने बताया कि ये एक संक्रमित बीमारी है जिसमें सबसे पहले पशु खाना पीना कम कर देता है फिर बुखार आता है और 6 से 7 दिन बाद पशुओं के शरीर में दाने उभरकर आते है. उन्होंने बताया कि पहले लक्षण याने पशु आहार लेना कम कर दें तब ही मालिक को सूचना देना चाहिए ताकि पशुओं को बहुत हद तक बचाया जा सके. वहीं उन्होंने डेहरी गांव में हुई गाय की मौत को लेकर कहा कि वो गाय ग्यावन थी और उसमें लंपी वायरस की पुष्टि हो गई थी. हालांकि, नंदकिशोर चौहान ने बताया कि लंपी से मृत्यु की संभावना कम है. उन्होंने बताया कि 15 दिन के अंदर आइसोलेट किया जाए तो जानवर स्वस्थ हो सकता है. वहीं वैक्सीन को लेकर उन्होंने कहा कि वैक्सीन को लेकर डिमांड भेज दी गई है.


बता दें कि धार जिले के कुछ ग्रामीण अंचलों में आई शिकायत के बाद किसानों और पशुपालको में हड़कंप है. वहीं जानकारों की मानें तो लंपी से बचाव के लिए लंपी प्रभावित पशुओं को अलग रखकर मक्खी, मच्छर, जूं आदि को मार देना चाहिए और अगर पशु की मृत्यु हो जाए तो उसके शव को खुले में नही छोड़ना चाहिए और क्षेत्र में कीटनाशक का छिड़काव करना चाहिए.


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