Padma Award: मध्य प्रदेश के आदिवासी बहुल डिंडोरी जिले के लोक कलाकार और सेवानिवृत्त शिक्षक अर्जुन सिंह धुर्वे को पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा. भारत सरकार द्वारा मंगलवार की शाम पद्मश्री अवार्ड के नामों की घोषणा की गई, जिसमें डिंडौरी जिले की बैगा नृत्य कला के इस कलाकार का नाम भी शामिल हैं. बैगा प्रधानी नृत्य बैगा जनजाति का मुख्य नृत्य है, जिसमें बैल, मोर, हाथी, घोड़ा इत्यादि के मुखौटे में कलाकार नृत्य का प्रदर्शन करते है.
पोस्ट ग्रेजुएट हैं अर्जुन सिंह धुर्वे
डिंडोरी जिले के बैगाचक क्षेत्र धुरकुटा निवासी सेवानिवृत्त शिक्षक अर्जुन सिंह धुर्वे को पद्मश्री के लिए चुना गया है. अर्जुन सिंह बैगा जनजाति से पहले पोस्ट ग्रेजुएट शिक्षक रहे हैं. उनके द्वारा राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री सहित अन्य अतिथियों के कार्यक्रमों में अपनी टीम के साथ बैगा नृत्य की आकर्षक प्रस्तुति दी जाती रही है. अर्जुन सिंह धुर्वे ने समाजशास्त्र विषय से एमए के साथ बीएड की शिक्षा प्राप्त की. 12 अगस्त 1953 को जन्मे अर्जुन सिंह के पिता का नाम परसा सिंह धुर्वे और माता का नाम लहरो बाई धुर्वे है. उनकी पत्नी का नाम लमिया बाई धुर्वे है.
शिक्षक के पद पर रहे हैं धुर्वे
वर्ष 2005 में नई दिल्ली के इंडिया गेट में परेड में अर्जुन सिंह और उनकी टीम ने बैगा प्रधानी नृत्य प्रस्तुत किया था. इसके साथ उन्होंने तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम व प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह के निवास में भी कार्यक्रम की प्रस्तुति दी थी. उज्जैन सिंहस्थ में लोक उत्सव, अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला सहित अनेक नामी-गिरामी लोक मंचों में अर्जुन सिंह धुर्वे और उनकी टोली ने बैगा नृत्य कला की प्रस्तुति दी हैं.
अर्जुन सिंह 19 नवंबर 1976 में सहायक शिक्षक के पद पर पदस्थ हुए थे. 1994 में उच्च श्रेणी शिक्षक और वर्ष 2008 में प्रधान पाठक पद पर पदोन्नत हुए. 31 अगस्त 2015 को अर्जुन सिंह सेवानिवृत्त हो गए. वर्ष 1993-94 में उन्हें जनजातीय संपदा के कलात्मक संवर्धन विकास के लिए राज्य सरकार द्वारा तुलसी सम्मान से विभूषित किया जा चुका है. बैगा प्रधानी नृत्य जो कि बैगा जनजाति का मुख्य नृत्य है, जिसमें बैल, मोर, हाथी, घोड़ा इत्यादि के मुखौटे में नृत्य किया जाता है. अर्जुन सिंह और उनकी टीम ने राज्य व राज्य के बाहर अनेक प्रस्तुति दी है और उनकी कला को देश भर में सराहा जाता रहा है.
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