MP News: जबलपुर (Jabalpur) के कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी (Dr. Ilaiyaraaja T) के औचक निरीक्षण के लिए तहसील मुख्यालय सिहोरा (Sihora) के सिविल अस्पताल पहुंचे, उनके अस्पताल पहुंचते अस्पताल के कर्मचारियों में हड़कंप मच गया. अस्पताल में तैनात बारह में से ग्यारह डॉक्टर गायब मिले. एक डॉक्टर जो मौजूद थे, उन्हें अस्पताल और सरकार की योजनाओं के बारे में कुछ पता ही नहीं था.
मध्यप्रदेश में चिकित्सा सुविधाओं के कितने बुरे हाल है, इसकी बानगी जबलपुर के कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी ने खुद देखी. सिविल अस्पताल सिहोरा का औचक निरीक्षण के दौरान वहां कि अव्यवस्थाओं पर नाराजगी व्यक्त करते हुए जिला कलेक्टर ने कहा, इससे बुरा सरकारी अस्पताल, इतने खराब इंतेजाम वाला अस्पताल उन्होंने आज तक नहीं देखा. 12 डॉक्टरों में से जो एक डॉक्टर उपस्थित थे, उन्हें मरीजों के बारे में पता ही नहीं था. गायनिक वार्ड में डॉक्टर नहीं होने पर संबंधित डॉक्टर को फोन भी लगाया गया किन्तु उन्होंने फोन अटेंड नहीं किया.
कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी से मरीजों ने अस्पताल के बारे में बताई यह बात
निरीक्षण के दौरान मरीजों ने कलेक्टर को बताया कि, डिलेवरी के बाद जच्चा-बच्चा को जल्दी ही डिस्चार्ज कर दिया जाता है. कलेक्टर ने कहा कि, "कम से कम 72 घंटे अस्पताल में उनकी देख-रेख होनी चाहिए. उन्हें 3 दिन के पहले डिस्चार्ज न करें." एनआरसी में बच्चों की देखभाल नहीं होने पर भी जिला कलेक्टर ने शिशु रोग चिकित्सक को फोन लगवाया लेकिन, उन्होंने भी फोन अटेंड नहीं किया. वे दो दिन से ड्यूटी पर भी नही आये थे.
मौके से कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी ने सीएमएचओ, बीएमओ और सीएस को फोन लगाकर कहा कि, तत्काल एनआरसी की व्यवस्था सुधारें. एनआरसी में भर्ती एक बच्चे को लगातार 5 दिन से बुखार आ रहा है, फिर भी उसका समुचित इलाज नहीं होने पर कलेक्टर ने संबंधित डॉक्टर को नोटिस देने के साथ उसके एक दिन का वेतन भी काटा. कलेक्टर ने एनआरसी में बच्चों के नाप और वजन भी कराये. साथ ही बच्चों की मां से स्वास्थ्य संबंधी आवश्यक बात भी की.
जिला कलेक्टर ने अधिकारीयों को दिए यह निर्देश
कलेक्टर ने सीएमएचओ और सीएस को फोन लगाकर कहा कि, सिविल अस्पताल सिहोरा की व्यवस्था तत्काल सुधारें, डॉक्टरों की उपस्थिति नियमित उपस्थिति और मरीजों के बेहतर इलाज की व्यवस्था तत्काल प्राभाव से सुनिश्चित करें. इस दौरान उन्होंने अस्पताल परिसर में किये गये अतिक्रमण को भी तत्काल हटाने को कहा. साथ ही एक निजी मकान से गंदे पानी के अस्पताल परिसर में आने पर उसे नोटिस देने को कहा. इतना ही नहीं अस्पताल में ऊगे गैर जरुरी पेड़ों को भी हटाने को के साथ बायोमेडिकल बेस्ट और अन्य कचरा का प्रबंधन सुव्यवस्थित रूप से करने के निर्देश दिये.
सिविल अस्पताल सिहोरा में तैनात शिशु रोग विशेषज्ञ ने नियमों की उड़ाई धज्जियां
सिहोरा सिविल अस्पताल में तैनात शिशु रोग विशेषज्ञ ने व्यवस्थाओं और नियमों की ताक पर रख दिया. अस्पताल के समीप ही संबंधित डॉक्टर ने निजी क्लिनिक खोल दिया था. निरीक्षण के दौरान शिशु रोग चिकित्सक की अनुपस्थिति पर कलेक्टर इलैयाराजा टी ने नाराजगी जाहिर की. बड़ी मुश्किल से बुलाने पर जब वह उपस्थित हुए तब उन्हें नोटिस दिया गया और अस्पताल के पास में ही उनके द्वारा क्लीनिक खोले जाने पर बीएमओ से स्पष्टीकरण भी मांगा.
कलेक्टर ने कहा कि, अस्पताल के पास ही शासकीय अस्पताल के डॉक्टर की निजी क्लीनिक किस आधार पर खुली है, इसका समुचित उत्तर उन्हें प्रस्तुत करें. कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा ने एसडीएम आशीष पांडे से कहा कि, नियमित रूप से अस्पताल का भ्रमण कर व्यवस्थाओं को सुधारें और वह स्वयं भी औचक निरीक्षण के लिए अस्पताल आते रहेंगे.
अस्पताल की छतों में मधुमक्खियों के छत्तों को देख हैरान रहे जिला अधिकारी
कलेक्टर ने एनआरसी और अस्पताल की छतों में मधुमक्खियों के बड़े-बड़े छत्तों को देखकर कहा कि, बच्चों को तत्काल शिफ्ट कर मधुमक्खियों के छत्तों को हटायें. अस्पताल के निरीक्षण के दौरान समुचित पेयजल और साफ-सफाई नहीं होने पर शीघ्र व्यवस्था सुधारने को कहा. दौरे के दौरान अनुपस्थित बीएमओ को बुलाकर तत्काल व्यवस्था सुधारने के निर्देश देते हुए कहा कि, अस्पताल के आसपास गंदगी के ढेर और कचरे को तत्काल साफ करायें, अस्पताल की पुताई एक हफ्ते में कर लें और कल तक अस्पताल परिसर साफ-सफाई कर उन्हें फोटो भेजें.
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