MP News: मध्य प्रदेश की पुलिस और भी स्मार्ट बनने जा रही है. अब पुलिस जमीन ही नहीं बल्कि आसमान से भी नजर रखेगी. गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने ड्रोन पुलिसिंग को लेकर बड़ा एलान किया है. उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में ड्रोन पुलिसिंग के लिए पांच महाविद्यालय भी खोले जाएंगे. पत्रकार वार्ता के दौरान मीडिया को उन्होंने बताया कि एमपी पुलिस अब और भी हाईटेक तरीके से काम करने जा रही है. इसके लिए ड्रोन पुलिसिंग शुरू की जा रही है. ड्रोन कैमरे के जरिए भीड़भाड़ वाले इलाकों में ट्रैफिक व्यवस्था पर नजर रखी जाएगी. इसके अलावा नियम तोड़ने वालों पर आसमान से नजर रहेगी.
ड्रोन पुलिसिंग को लेकर मध्यप्रदेश के पांच स्थानों पर ड्रोन महाविद्यालय भी खोले जा रहे हैं, जहां पर पूरा प्रशिक्षण दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि पिछले दिनों ग्वालियर में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मौजूदगी में ड्रोन पुलिसिंग को लेकर डेमोंसट्रेशन भी हो चुका है. अब पूरी योजना को अमलीजामा पहनाया जा रहा है. उल्लेखनीय है कि आमतौर पर आतंकवादियों, नक्सली इलाकों और बड़ा ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए ड्रोन कैमरे के जरिए निगाह रखी जाती रही है. अब मध्य प्रदेश पुलिस ट्रैफिक मैनेजमेंट के साथ-साथ अन्य आयोजनों को भी शांतिपूर्वक निपटाने के लिए ड्रोन की मदद लेगी.
ड्रोन पुलिसिंग के फायदे और नुकसान
एक तरफ जहां ड्रोन पुलिसिंग के जरिए पुलिस क्राउड मैनेजमेंट और ट्रैफिक कंट्रोल के अलावा अपराधियों पर भी नजर रख सकेगी, इसके अलावा धार्मिक आयोजनों में विशेष रुप से पुलिस को सहयोग मिलेगा. दूसरी तरफ बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण देना विभाग के लिए काफी कठिन होगा. पहले ही पुलिस महकमे में कर्मचारियों और अधिकारियों की कमी है, ऐसे पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षण के लिए भेजने में दिक्कत आ सकती है. इसके अतिरिक्त अभी तक कई पुलिसकर्मी पूरी तरह कंप्यूटर में भी चलाने में भी पारंगत नहीं हुए हैं, उन पुलिसकर्मियों को ड्रोन पुलिसिंग का प्रशिक्षण कैसे दिया जाएगा? इसे लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं.