(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Madhya Pradesh Election 2023:स्थापना दिवस के बहाने जयस ने दिखाई मध्य प्रदेश में अपनी ताकत, आदिवासी बाहुल्य सीटों पर जोरयाब
Madhya Pradesh: जयस की स्थापना 16 मई 2013 को प्रदेश के आदिवासी युवाओं ने की थी. जयस संगठन को 10 वर्ष पूरे हो चुके हैं. संगठन का आदिवासी बाहुल्य जिलों में खासा प्रभाव है.
Madhya Pradesh Assembly Election 2023: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में इस साल के आखिर में विधानसभा के चुनाव होने हैं, इसलिए सियासी कुनबे में हलचलों का बढ़ना लाजमी है. तीसरे विकल्प की तलाश में तमाम राजनीतिक दल अपनी जोर आजमाइश में भी प्रयासरत हैं. मध्य प्रदेश में आदिवासियों का वोट बैंक एमपी की तकरीबन 84 सीटों पर अपना प्रभाव छोड़ता है. ऐसे में आदिवासी संगठन जयस (Jayas) की भूमिका अहम मानी जा रही है. जयस ने प्रदेश में 80 सीटों पर चुनाव लड़ने का एलान किया है.
जयस ने 16 मई को अपने स्थापना दिवस समागम के साथ ही 2023 के विधानसभा चुनावों के लिए अपने अभियान का शंखनाद कर दिया. मिशन युवा नेतृत्व को साकार करने, आदिवासियों के उत्थान और विकास के उद्देश्य के साथ इंदौर में जयस का स्थापना दिवस मनाया गया. जयस पहले ही आगामी विधानसभा चुनाव में 80 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा की है.
मिशन युवा नेतृत्व पर फोकस
जयस की स्थापना के मंगलवार को 10 वर्ष पूरे हुए. इस अवसर पर संगठन का स्थापना दिवस बड़े समागम के साथ मनाया गया. विधायक और जयस के राष्ट्रीय संरक्षक डॉ. हीरालाल अलावा की अगुवाई में हुए समागम में मिशन युवा नेतृत्व को साकार करने पर फोकस किया गया. समागम में आदिवासियों को एकजुट करने, उनके उत्थान और विकास का संकल्प दोहराया गया. यहां जल, जंगल और जमीन जैसे मुद्दों पर नए युवाओं को अपने अधिकार के बारे में जागृत किया गया.
आदिवासी बाहुल्य जिलों में खासा प्रभाव
दरअसल, जयस की स्थापना 16 मई 2013 को प्रदेश के आदिवासी युवाओं ने की थी. जयस संगठन को 10 वर्ष पूरे हो चुके हैं. संगठन का आदिवासी बाहुल्य जिलों में खासा प्रभाव है. यहां तक की जयस संगठन अब प्रदेश की राजनीति को भी प्रभावित कर रहा है. इस समागम को विधानसभा चुनाव के लिए जयस का शंखनाद भी माना जा रहा है. जयस का मालवा-निमाड़ आदिवासी जिलों धार, झाबुआ, आलीराजपुर, बड़वानी, खरगोन, खंडवा, मंडला, बालाघाट, अनूपपुर, डिंडौरी, राजगढ़ और देवास में प्रभाव है. आदिवासियों की समस्या, उनके संवैधानिक अधिकार, पलायन रोजगार, जल जंगल जमीन सहित अन्य मुद्दों पर इस बार का चुनाव गरमा सकता है.
मध्य प्रदेश में सीएम शिवराज और बीजेपी सरकार के मंत्री आदिवासियों को साधने में लम्बे वक्त से जुटे हैं. मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में भी एससी एसटी के विद्यार्थियों के लिए छात्रवृत्ति के लिए आय की सीमा 6 लाख से बढ़ाकर 8 लाख रुपये की गई. वहीं जयस के 80 सीटों पर चुनाव लड़ने के एलान के बाद से ही बीजेपी के खेमे में भी हलचल तेज हो चुकी है.
आंकड़ों पर एक नजर
- 2018 विधानसभा चुनाव में 47 ट्राइबल रिजर्व सीटों में से 31 पर जीती कांग्रेस, बीजेपी को सिर्फ 16 सीटें मिली
- 2018 विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 84 ट्राइबल सीटों में से 34 सीट पर जीत हासिल की
- 2011 की जनगणना के अनुसार मध्य प्रदेश में अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या 1.53 करोड़ से अधिक
- मध्य प्रदेश के कुल 7.26 करोड़ निवासियों में से 21.8 फीसदी आदिवासी
- फिलहाल आदिवासी समुदाय की आबादी लगभग 1.75 करोड़
- राज्य की अन्य 35 विधानसभा सीटों पर आदिवासी मतदाता 50 हजार से अधिक हैं.