Madhya Pradesh Assembly Election 2023: चुनावी साल मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh)में चुनावी साल में राज्य के युवा आईकॉन और युवा प्रतिभाओं का करियर राजनीति के भंवर में फंसता नजर आ रहा है. ताजा उदाहरण अप्रैल और मई महीने का है. भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने जहां अप्रैल महीने में साल 2016 के माउंट एवरेस्ट विजेता रत्नेश पांडे (Mountaineer Ratnesh Pandey) को पार्टी की सदस्यता दिलाई. वहीं कांग्रेस (Congress)ने भी इस रीति और नीति पर चलते हुए साल 2019 की माउंट एवरेस्ट फतह करने वाली मेघा परमार (Megha Parmar) को पार्टी में शामिल कर लिया.
मेघा परमार को नौ मई को छिंदवाड़ा (Chhindwara) में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamal Nath) द्वारा कांग्रेस की सदस्यता दिलाई गई. चुनावी साल में अब दोनों ही पर्वतारोहियों की साख भी दांव पर लगी है, क्योंकि एक बीजेपी का तो एक कांग्रेसी है. मध्य प्रदेश में साल के अंत में चुनाव है. चुनाव से पहले राजनीतिक दलों द्वारा जोड़ तोड़ का गणित बड़ी ही तेजी के साथ खेला जा रहा है. अब तक राजनीति के संत पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी के पुत्र दीपक जोशी सहित कुछ पूर्व विधायकों ने कांग्रेस का दामन थाम लिया है.
पर्वतारोहियों को लगा राजनीति का चस्का
वहीं बीजेपी में भी कई जनप्रतिनिधि अपनी आस्था जता चुके हैं. इसी कड़ी में अब युवा भी राजनीति में कदम रख रहे हैं. दुनिया की सबसे ऊंची चोंटी माउंट एवरेस्ट को फतह करने वाले मध्य प्रदेश के युवा रत्नेश पांडे और मेघा परमार युवाओं का आईकॉन हैं, लेकिन अब ये राजनीति के भंवर में उलझ गए हैं. दोनों पर्वतारोही अब राजनीति की चढ़ाई के लिए तैयार हो गए हैं. एक पर्वतारोही बीजेपी में और दूसरे ने कांग्रेस का दामन थाम लिया है.
2016-2019 में बने राज्य का गौरव
बता दें मध्य प्रदेश के सतना जिले में रहने वाले रत्नेश पांडे ने साल 2016 में सबसे ऊंची चोंटी माउंट एवरेस्ट को फतह की थी. उन्होंने सबसे ऊंची चोंटी पर देश का झंडा फहरा दिया था. इसी तरह साल 2019 में राज्य की पहली महिला मेघा परमार ने भी माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहराया था. दोनों ही पर्वतारोहियों ने राज्य का गौरव बढ़ाया था. अब दोनों ने ही राजनीति में अपना कदम रख दिया है. सतना के रत्नेश पांडे ने तीन अप्रैल को भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ली है तो वहीं मेघा परमार ने नौ मई को कांग्रेस का दामन थामा है.