मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा की प्रचंड जीत के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को कहा कि वह पहले या अब भी, कभी मुख्यमंत्री पद के दावेदार नहीं रहे हैं. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 2023 के विधानसभा चुनाव के लिए किसी को मुख्यमंत्री पद का चेहरा पेश नहीं किया था. मध्य प्रदेश में, भाजपा को 230 सदस्यीय विधानसभा में से 163 सीट मिलीं, जबकि कांग्रेस को 66 सीट और भारत आदिवासी पार्टी को एक सीट मिली.


चौहान ने अपने आधिकारिक ‘एक्स’ अकाउंट पर साझा किए गए एक वीडियो बयान में कहा, ‘‘ मैं न तो पहले मुख्यमंत्री (पद) का दावेदार था और न ही आज हूं. एक पार्टी कार्यकर्ता के रूप में, मैंने हमेशा भाजपा द्वारा सौंपे गए किसी भी कार्य को अपनी सर्वोत्तम क्षमता, वास्तविकता और ईमानदारी से एवं समर्पण के साथ किया है.’’ चार बार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके 64 वर्षीय नेता ने कहा कि वह 'भाजपा के कार्यकर्ता' होने के लिए भाग्यशाली हैं.


चौहान ने कहा, ‘‘ मैं भाग्यशाली हूं कि (प्रधानमंत्री) नरेंद्र मोदी हमारे नेता हैं और मुझे उनके साथ काम करने का मौका मिला. मोदी जी के नेतृत्व में एक गौरवशाली, समृद्ध और शक्तिशाली भारत का निर्माण हो रहा है. मोदी जी हमारे नेता हैं और उनके साथ काम करने में हमें हमेशा गर्व और खुशी महसूस होती है.’’उन्होंने मतदाताओं को धन्यवाद देते हुए कहा कि राज्य की जनता ने भाजपा को अभूतपूर्व समर्थन दिया.


भोपाल में एक कार्यक्रम के बाद संवाददाता के सवाल का जवाब देते हुए चौहान ने कहा कि वह पार्टी के शीर्ष नेताओं से मिलने दिल्ली नहीं जा रहे हैं.


उन्होंने कहा, ‘‘ कल, मैं छिंदवाड़ा जा रहा हूं, जहां हम (जिले की) सात सीटों में से एक भी जीतने में असफल रहे. मैंने संकल्प लिया है कि भाजपा मध्य प्रदेश की सभी 29 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल करे और नरेंद्र मोदी फिर से देश के प्रधानमंत्री बनें.’’ प्रदेश कांग्रेस प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ के गृह क्षेत्र छिंदवाड़ा जिले के सभी सातों विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा हार गई. 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने राज्य में 28 सीटें जीतीं, लेकिन छिंदवाड़ा से कमलनाथ के बेटे और कांग्रेस उम्मीदवार नकुल नाथ ने जीत हासिल की.