मध्य प्रदेश में फसल के मुआवजे को लेकर राजनीति शुरू हो गई है. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि जिस तरह उनके मुख्यमंत्री काल में नीमच के लोगों को अतिवृष्टि का मुआवजा विकसित किया गया था, उसी तरह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को वर्षा में देरी की वजह से हुए नुकसान का मुआवजा पूरा मध्य प्रदेश के किसानों को दिया जाना चाहिए. 


गौरतलब है कि वर्षा में हुई देरी की वजह से मध्य प्रदेश में सोयाबीन और धान की फसल पर बुरा असर पड़ा है. सब्जियों पर भी वर्षा नहीं होने की वजह से काफी हद तक असर हुआ, जिसके कारण किसानों का आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस मुद्दे को कांग्रेस के मंच से उठा दिया है. उन्होंने कहा कि वे जब मुख्यमंत्री थे उस समय नीमच में अतिवृष्टि हुई थी. उन्होंने नीमच का दौरा किया था.


इसके बाद भोपाल पहुंचकर अधिकारियों की बैठक बुलाई. जब अधिकारियों से मुआवजा वितरण करने को कहा गया तो अधिकारियों ने सर्वे करवाने की बात कही. कमलनाथ ने कहा कि मैंने अधिकारियों को स्पष्ट बोल दिया था कि जब मैं खुद सर्वे करके आया हूं तो फिर सर्वे करवाने की क्या जरूरत है ? उन्होंने 7 दिनों में मुआवजा वितरित करने का अल्टीमेटम दे दिया. जिसके बाद नीमच के लोगों को मुआवजा भी मिल गया. उन्होंने यह भी बात सांझा की कि जब वे अभी नीमच गए थे, तो नीमच के किसानों ने उनका धन्यवाद भी दिया था. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को चुनौती देते हुए कहा है कि नीमच की तरह मध्य प्रदेश में मुआवजा वितरण करने की जरूरत है. सरकार केवल सर्वे की आड़ लेकर मुआवजा देने से बच रही है.


छिंदवाड़ा की तुलना बुधनी से की 


पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने यह अभी कहा कि मैं हमेशा लोगों को छिंदवाड़ा आने का निमंत्रण देता हूं. जो लोग मुख्यमंत्री के क्षेत्र बुधनी गए हैं उन्हें एक बार फिर छिंदवाड़ा जरूर आना चाहिए ताकि दोनों के विकास की तुलना कर सके. कमलनाथ ने कहा कि लोग वोट लेकर विधानसभा, लोकसभा में बैठते हैं लेकिन वे जनता का प्यार और विश्वास लेकर लोकसभा और विधानसभा पहुंचे हैं.


कमलनाथ के वादों पर जनता को भरोसा नहीं- कमल पटेल


मध्य प्रदेश के कृषि कल्याण मंत्री कमल पटेल ने कहा कि किसानों के फसलों का सर्वे कराया जाएगा और यदि कहीं पर अधिक नुकसान हुआ है तो मुआवजा भी वितरित होगा. उन्होंने कहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ केवल झूठ बोलने में माहिर है. उनकी बात का जनता को भरोसा नहीं है. कमल पटेल ने यह भी कहा कि किसानों का कर्ज माफी, बेरोजगारों को भत्ता, वृद्धावस्था पेंशन, कन्यादान योजना में दी जाने वाली राशि तक कमलनाथ सरकार ने उस समय बंद कर दी थी. किसानों को राहत पहुंचाने के लिए शिवराज सरकार को कमलनाथ के मशवरे की जरूरत नहीं है. कमल पटेल ने अभी कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पहले ही सर्वे कराने और मुआवजा दिए जाने के घोषणा कर चुके हैं.