MP Electricity News: मध्य प्रदेश में लोगों को बिजली के बिल का फिर से करंट लगने वाला है. अगले वित्तीय वर्ष में बिजली 3.2 फीसदी महंगी हो सकती है. इसके बाद 200 से 300 यूनिट का बिल 100 रुपये से लेकर 150 रुपये तक बढ़ सकता है. राज्य की तीन बिजली कंपनियों ने कमरतोड़ महंगाई के बीच आम उपभोक्ताओं पर नया बोझ डालने की तैयारी की है.


दरअसल, प्रदेश की तीनों बिजली कंपनियों की ओर से एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी ने विद्युत नियामक आयोग के सामने बिजली दरों में 3.2% बढ़ोतरी का प्रस्ताव रखा हैं. कंपनी ने आयोग के सामने दायर याचिका में वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 49530 करोड़ रुपये की सालाना जरूरत बताई है. याचिका में यह भी जिक्र किया गया है कि बिजली के मौजूदा टैरिफ से तीनों कंपनियों के पास 47,993 करोड़ रुपये आएंगे. 


इससे पहले कब बढ़े थे दाम
बिजली कंपनी के रिटायर्ड एडिशनल चीफ इंजीनियर और एक्सपर्ट राजेंद्र अग्रवाल ने बताया कि इसके बाद भी कंपनियों को 1537 करोड़ रुपये का घाटा होगा. इसकी भरपाई के लिए बिजली दरों में 3.2% की बढ़ोतरी करनी होगी. मध्य प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को इसके पहले जुलाई में महंगाई का झटका लगा था. फ्यूल कास्ट एडजेस्टमेंट (FCA) के नाम पर बिजली की दरों में वृद्धि की गई थी.


बिजली वितरण कंपनियों की डिमांड पर मध्य प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने फ्यूल कास्ट एडजस्टमेंट में 10 पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोत्तरी की अनुमति दी थी. यह दर 1 जुलाई से 30 सितंबर तक के लिए लागू की गई थी. बिजली मामलों के जानकार रिटायर्ड इंजीनियर राजेंद्र अग्रवाल का कहना है कि बिजली के दाम लगातार बढ़ने से उपभोक्ताओं को जोरदार झटका लगेगा. अग्रवाल का कहना है कि बेहतर होगा कि कम्पनियां अपने खर्चों पर लगाम लगाएं और वसूली पर ध्यान दें.




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