MP News: मध्य प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को बड़ी राहत, 1 अप्रैल से दाम बढ़ने की संभावना खत्म
Madhya Pradesh News: नियमों के मुताबिक बिजली दर बढ़ाने की तारीख से करीब 7 दिन पहले विद्युत नियामक आयोग को नोटिफिकेशन जारी करना होता है, जो अब तक जारी नहीं किया गया है.
Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के 1 करोड़ 20 लाख घरेलू और 11 लाख 20 हजार औद्योगिक बिजली उपभोक्ताओं (Electricity Consumers) के लिए राहत भरी खबर है. मध्य प्रदेश विद्युत नियामक आयोग (Madhya Pradesh Electricity Regulatory Commission) ने बिजली कंपनियों (Power Companies) के प्रस्ताव पर फैसला टाल दिया है. यहां 1 अप्रैल से प्रस्तावित बिजली दर में वृद्धि की संभावना फिलहाल खत्म हो गई है. बता दें कि इसकी वजह से प्रदेश के उपभोक्ताओं को फिलहाल फौरी राहत मिल गई है.
क्या है मामला
दरअसल मध्य प्रदेश में बिजली कंपनियों की ओर से विद्युत नियामक आयोग में दायर की गई याचिकाओं पर हाल ही में सुनवाई पूरी हुई है. इस सुनवाई के दौरान प्रदेशभर के तमाम सामाजिक और औद्योगिक संगठनों की ओर से 100 से ज्यादा आपत्तियां लगाई गई है, लेकिन अब तक इन आपत्तियों का समाधान नहीं किया गया है ना ही विद्युत नियामक आयोग की तरफ से नोटिफिकेशन जारी किया गया है.
1 अप्रैल से दाम नहीं बढ़ेंगे
नियमों के मुताबिक बिजली दर बढ़ाने की तारीख से करीब 7 दिन पहले विद्युत नियामक आयोग को नोटिफिकेशन जारी करना होता है, जो अब तक जारी नहीं किया गया है यानी कि साफ है कि 1 अप्रैल से मध्य प्रदेश में बिजली के दाम नहीं बढ़ाए जाएंगे. हालांकि आयोग ने बिजली कंपनियों के 2,400 करोड़ रुपये के घाटे के दावे को खारिज करते हुए सिर्फ 225 करोड़ के घाटे की बात मानी थी.
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दाम बढ़ाने का प्रस्ताव रद्द करना चाहिए-नागदेव
महाकोशल चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के मानसेवी मंत्री शंकर नागदेव का कहना है कि सरकार को अपने अधिकार का उपयोग करते हुए स्थाई रूप से बिजली के दाम बढ़ाने का प्रस्ताव रद्द करना चाहिए. कोरोना के दो साल ने आम उपभोक्ताओं और व्यापारियों की कमर तोड़ दी है, इसलिए उन पर अतिरिक्त बोझ डालना उचित नही है. नागदेव का कहना है कि वैसे भी पड़ोसी राज्यों से मध्य प्रदेश में 25 से 40 फीसदी ज्यादा महंगी बिजली मिल रही है.
जानकार ने क्या कहा
आपत्तिकर्ता और बिजली के जानकार डॉक्टर राजेंद्र अग्रवाल का कहना है कि बिजली कंपनियों ने 1 अप्रैल से नई बिजली दरें लागू करने की तैयारी नवंबर 2021 से ही शुरू कर दी थी जिसके बाद 7 फरवरी को बिजली कंपनियों की ओर से विद्युत नियामक आयोग में याचिका दायर की गई. याचिका में कहा गया कि बिजली कंपनियों को आगामी वित्तीय वर्ष में तकरीबन 39 सौ करोड़ रुपए का घाटा लगेगा और इसीलिए बिजली की दरों में तकरीबन 8 फीसदी का इजाफा करने की जरूरत है.
फिलहाल नहीं बढ़ेंगी दरें-राजेंद्र
राजेंद्र अग्रवाल ने आगे कहा, इन याचिकाओं के खिलाफ 8 से लेकर 10 मार्च तक प्रदेश भर में सुनवाई हुई जिसमें अलग-अलग संगठनों की ओर से आपत्तियां दर्ज की गई हैं. बिजली कंपनियों ने अब तक इन आपत्तियों का कोई जवाब नहीं दिया है यानी फिलहाल मध्य प्रदेश में बिजली की दरें नहीं बढ़ेंगी. अब देखना यह होगा कि चुनाव नजदीक होने के कारण मध्य प्रदेश के उपभोक्ताओं को और कितने दिन बिजली की बढ़ी हुई दरों से राहत मिल पाएगी.