(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
MP: युवाओं में नशे की लत को लेकर सामने आया चौंकाने वाला सर्वे, इंदौर कलेक्टर ने शुरू की विशेष मुहिम
Indore News: अंतर्राष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस पर इंदौर कलेक्टर ने अधिकारियों को शपथ दिलाई, प्रशासन ने कलेक्टर परिसर में सिगरेट, तंबाकू और अन्य मादक पदार्थों के इस्तेमाल पर बैन लगा दिया है.
Indore: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के इंदौर शहर (Indore City) में नशे की बढ़ती प्रवृत्ति को लेकर किए गए एक सर्वे में निजी संगठन ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. सर्वे के आंकड़े सामने आने के बाद जिला प्रशासन का चिंतित होना लाजमी है. अंतर्राष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस (International Anti Drug Day) के अवसर पर सोमवार को कलेक्टर ने सभी अधिकारियों को शपथ दिलाई, प्रशासन जल्द ही सेफ सिटी प्रोजेक्ट के तहत नशे के विरुद्ध बड़ा अभियान शुरू करेगा.
एक निजी संगठन द्वारा किए गए सर्वे के अनुसार इंदौर में ड्रग एडिक्ट युवाओं की संख्या 27 फीसदी तक बढ़ गई है. इनमें 20 से लेकर 35 वर्ष की युवतियां भी शामिल है, जिनकी संख्या 39 फीसदी है. जारी हुए यह आंकड़े इंदौर के लिए वाकई चिंताजनक है. पुलिस और नारकोटिक्स विभाग कितना संज्ञान ले रहा है, इसे लेकर कुछ स्पष्ट नहीं कहा जा सकता लेकिन इंदौर कलेक्टर ने जरूर सर्वे रिपोर्ट को गंभीरता से लिया है. हालांकि सर्वे रिपोर्ट आने के पहले ही उन्होंने नशे के विरुद्ध अभियान प्रारंभ कर दिया था.
नशा सामाजिक बुराई- जिला कलेक्टर
कलेक्टर परिसर में अब कोई भी सिगरेट, बीड़ी, गुटखा या तंबाकू सहित अन्य मादक पदार्थ के साथ संकुल में प्रवेश नहीं कर सकता. प्रवेश द्वार पर ही चेकिंग कर सामग्री जब्त की जा रही है. अंतर्राष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस के अवसर पर कलेक्टर ने सोमवार (26 जून) को सभी अधिकारियों को शपथ भी दिलाई. कलेक्टर के अनुसार नशा सामाजिक बुराई है इसे जड़ से मिटाने के लिए प्रभावी कार्रवाई की आवश्यकता है, इसी सप्ताह समिति नारकोटिक्स और पुलिस के साथ नशा करने वाले स्थानों को चिन्हित कर कार्रवाई की रूपरेखा तैयार करेगी. नशे के खिलाफ मुहिम प्रारंभ करने के लिए कलेक्टर ने आमजन से भी अपील की है वह सामाजिक संगठनों को भी अपना इस अभियान में शामिल करेंगे.
55 फीसदी लोग दिन में 5 बार करते हैं नशा
एनजीओ संचालिका भारती मंडोले ने पुलिस को रिपोर्ट सौंपी है. एनजीओ इवा वेलफेयर आर्गेनाइजेशन द्वारा किए गए सर्वे में पाया गया है कि कई बस्तियों में मादक पदार्थों की उपलब्धता के लिए आठ-आठ ठीए (Place) तक हैं. सर्वे में सम्मिलित 55 फीसदी लोगों ने स्वीकार किया कि वे दिन में पांच बार तक नशा करते हैं. शहर की बस्तियों में रहने वाला 20 से 50 आयु वर्ग का हर दूसरा व्यक्ति नशे की गिरफ्त में है. बस्तियों में शराब से लेकर गांजा, स्मैक, चरस और एमडीएमए का सेवन हो रहा है.
20 से 35 साल की महिलाएं भी नशा में लिप्त
यह खुलासा एक एनजीओ द्वारा किए गए सर्वे में सामने आया है. हैरानी की बात है कि नशा करने वालों में महिलाएं भी शामिल हैं. इनमें भी 20 से 35 वर्ष आयु वर्ग की महिलाएं सबसे ज्यादा हैं. एनजीओ ने यह सर्वे फरवरी 2019 से अगस्त 2022 के बीच किया था. शहर की अलग-अलग निचली बस्तियों में किए इस सर्वे के लिए अलग- अलग आयु वर्ग के 100- 100 लोगों से एनजीओ के सदस्यों ने सवाल पूछे. इस सर्वे को करने के लिए ऑनलाइन भी अभियान चलाया गया था.
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