Sehore News: मध्यप्रदेश में कुपोषण से लड़ने के लिए प्रदेश सरकार कई काम कर रही है. पिछले दिनों सीएम शिवराज सिंह चौहान ने अधिकारियों को निर्देश दिया था कि बच्चों को ज्यादा से ज्यादा पोषण मिल सके इसके लिए कोरोना काल में भी शासकीय राशन की दुकानों से बचा चना और तुअर दाल आंगनवाड़ियों में वितरित किया जाए. लेकिन दो महीने गुजर जाने के बाद भी सीहोर की आंगनबाड़ियों में चना नहीं पहुंच सका है. जब सीएम के जिले का ही ये हाल है तो बाकि प्रदेश में क्या होगा ये समझा जा सकता है. 

 

दो महीने बाद भी नहीं पहुंचा चना

सीएम शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश को कुपोषण मुक्त बनाने के लिए अनेक कदम उठाये हैं. अति कुपोषित बच्चों की स्थिति बेहतर हो इसके लिए उनके आह्वान पर अधिकारियों एवं जन प्रतिनिधियों ने आंगनबाड़ियों को गोद भी लिया है. इसके साथ ही सीएम ने शासकीय दुकानों पर बची तुअर दाल और चना को भी आंगनवाड़ियों में बांटने के निर्देश दिए थे. लेकिन दो महीने बीत जाने के बाद भी परिवहन की अनदेखी की वजह से बच्चों को इसका लाभ नहीं मिल पाया. सीहोर में अब तक चना नहीं पहुंच सका है. ऐसे में सवाल उठते हैं कि प्रदेश में कुपोषण के खिलाफ जंग कैसे लड़ी जाएगी.

 

कैसे लड़ी जाएगी कुपोषण से जंग?

दरअसल कोरोना संक्रमण काल में लगाये गए लॉकडाउन के दौरान गरीब लोगों को मुफ्त राशन के साथ ही चना और दाल भी बांटा गया था. जिसके बाद काफी मात्रा में दाल और चना बच गया जिसे सीएम ने आंगनबाड़ियों में बांटने का निर्देश दिया था. इसके साथ ही गर्भवती महिलाओं और तीन साल से ऊपर के बच्चों को एक एक किलो चने के वितरण के भी निर्देश दिये गए थे. इसकी जिम्मेदारी नागरिक आपूर्ति विभाग को सौंपी गई थी. जिन्हें सोसाइटियों तक चना पहुंचाना था यहां से आंगनबाड़ियों और स्व सहायता समूहों तक चना पहुंचना था. 

 

नागरिक आपूर्ति विभाग ने कही ये बात

नागरिक आपूर्ति विभाग की माने तो जिले भर में करीब 100 मैट्रिक टन चने का स्टॉक मौजूद है. इसमें बुधनी 7 मैट्रिक टन, आष्टा 8 मैट्रिक टन, इछावर में 3 मैट्रिक टन, पचामा में 95 मैट्रिक टन, सीहोर में 0.183 मैट्रिक टन चना दाल  और 0.183 मैटि्रक टन तुअर दाल का स्टॉक मौजूद है. इसमें सबसे अधिक चना पचामा में है. नागरिक आपूर्ति अधिकारी सदावत खान का कहना है कि जिले भर में चने का परिवहन किया जा रहा है. करीब 50 प्रतिशत चना सोसाइटियों तक पहुंच चुका है. पूरा पहुंचने के बाद ही एक साथ वितरण किया जाएगा. 

 

खाद्य अधिकारी ने भी दी ये दलील

वहीं इस बारे में जब जिला खाद्य अधिकारी शिवकुमार तिवारी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि सोसाइटियों में चना पहुंच गया है, महिला स्व सहायता समूह यहां से चना उठा सकते हैं. यदि किसी को शिकायत है तो जिला महिला बाल विकास अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं. जिला महिला बाल विकास अधिकारी प्रफुल्ल खत्री से जब इस बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों की आंगनबाडियों में चना बंटना शुरू हो गया है. हालांकि कुछ जगह ऐसी है जहां ये नहीं पहुंच पाया है. 

 

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