Ujjain: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की धार्मिक राजधानी उज्जैन (Ujjain) में वनस्पति घी से नकली मावा बनाने का चौंकाने वाला मामला सामने आया है. इस मामले में खाद्य सुरक्षा विभाग (Food Safety Department) की टीम ने छापेमारी की कार्रवाई करते हुए नकली मावा बरामद किया है. इस मामले में अधिकारियों के द्वारा 9 सैंपल भी लिए गए हैं.


उज्जैन कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने बताया कि उन्हेल के आसपास नकली मावा बनने की शिकायतें मिल रही थी, जिसके आधार पर खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को कार्रवाई के निर्देश दिए गए थे. इसी कड़ी में अधिकारियों की टीम उन्हेल की मां भवानी डेरी पर छापामार कार्रवाई की.


इस दौरान अधिकारियों ने 231 किलो नकली मावा, 17 किलो वनस्पति घी, 65 लीटर दूध, 10 किलो क्रीम बरामद किया. इस दौरान नकली मावे के सैंपल लिए गए जिन्हें राज्य खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला भेजा गया है. खाद्य सुरक्षा अधिकारी बीडी शर्मा ने बताया कि राज्य खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला से जांच रिपोर्ट आने के बाद वैधानिक कार्रवाई की जाएगी. इस कार्रवाई के दौरान अधिकारी भी नकली मावे को तैयार करने वाली कारीगरी देखकर दंग रह गए.


सस्ता होने की वजह से फल- फूल रहा है नकली मावे का कारोबार


नकली मावा तैयार करने में काफी कम लागत आती है जबकि वर्तमान में बाजार में मावा महंगे दाम में बिक रहा है. 300 रुपये किलो तक नकली मावे को बेचा जा रहा है, जबकि इसे तैयार करने में 100 रुपये किलो का खर्च आता है. नकली मावे के व्यापार में मोटा मुनाफा होने की वजह से इसका गोरखधंधा काफी लंबे समय से चल रहा है. हालांकि नकली मावा सेहत के लिए काफी हानिकारक होता है. बावजूद इसके मावा माफिया उज्जैन संभाग में सक्रिय है.


नकली मावे से फूड प्वाइजनिंग का खतरा


वर्तमान समय में शादी और अन्य मांगलिक कार्यों का दौर चल रहा है. ऐसे में मावे की मांग अधिक होने से खपत तेजी से हो रहा है. यदि नकली मावे का उपयोग मिठाई बनाने में होता है तो फूड प्वाइजनिंग का खतरा भी बना रहता है. पूर्व में भी उज्जैन में नकली मावा पकड़ा जा चुका है. उज्जैन के आसपास के कई इलाकों में नकली मावे का गोरखधंधा धड़ल्ले से चल रहा है. उज्जैन से हजारों क्विंटल मावा रोज दूसरे शहरों में सप्लाई होता है. 


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