Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश में बारिश (Heavy Rain) की वजह से आई बाढ़ के पानी से दर्जनों गांवों में जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. कई जिलों में तबाही का मंजर देखने को मिल रहा है. बाढ़ और बारिश से लगभग ढाई सौ करोड़ का नुकसान हुआ है. तीन हजार मकान ढह गए हैं तो वहीं तहसीलदार समेत दस लोगों की जान चली गई. आठ से अधिक जिले सबसे ज्यादा प्रभावित हैं. वहीं सर्वे रिपोर्ट 15 दिन में सरकार को सौंपी जाएगी जिसमें सबसे ज्यादा नुकसान फसलों का बताया जा रहा है. मध्य प्रदेश के अंदर बीते कई दिनों से भारी बारिश का दौर जारी है जिसके चलते कई स्थानों पर जलभराव की सूचनाएं प्राप्त हो रही हैं.
28-31 अगस्त के बीच बारिश
इन सब घटनाओं के कारण कई स्थानों पर किसानों की फसलें बुरी तरह प्रभावित हुई हैं. मध्य प्रदेश में अभी तक सामान्य से 21% अधिक बारिश हो चुकी है जिसके कारण कई स्थानों पर किसानों को फसलों का भारी नुकसान उठाना पड़ा है. वहीं मौसम विभाग ने 28 से 31 अगस्त के बीच भी भारी बारिश की चेतावनी जारी की है. किसानों ने राज्य सरकार से मुआवजे की मांग की है.
क्या कहा कृषि मंत्री ने
इस संबंध में जब एबीपी संवाददाता ने कृषि मंत्री कमल पटेल से चर्चा की तो उन्होंने बताया कि, किसानों से जुड़ी सभी समस्याओं का आकलन किया जा रहा है. जल्द ही सेटेलाइट के माध्यम से सर्वे कराया जाएगा और जिन खेतों में पानी भरा हुआ है उन खेतों को चयनित कर किसानों को मुआवजे की राशि दी जाएगी. मध्य प्रदेश की बीजेपी सरकार किसान हितैषी सरकार है. किसानों के साथ किसी प्रकार का अन्याय नहीं होगा. प्राकृतिक आपदाओं में भी मध्य प्रदेश सरकार उनके साथ खड़ी है.
इन जिलों में ज्यादा तबाही
बाढ़ और बारिश ने भोपाल, रायसेन, विदिशा, राजगढ़, सीहोर, शाजापुर, बैतूल, गुना, भिंड और मुरैना में सबसे ज्यादा तबाही मचाई है. वहीं अशोकनगर, आगर, मालवा में आंशिक रूप से तबाही मची है. बाकी जिलों में भारी बारिश और बाढ़ से नुकसान की स्थिति नहीं बनी है. सोयाबीन, उड़द, मूंग, अरहर की फसलें चौपट हो गईं हैं. बाढ़ में धान की फसल को भी भारी नुकसान हुआ है. प्रारंभिक अनुमान के मुताबिक करीब 30 फीसदी फसलें खराब हुईं हैं.