MP Fertilizer Shortage: मध्य प्रदेश में खाद की किल्लत जारी है. किसान आज सुबह 4 बजे से ही खाद लेने के लिए अपने घरों से निकल रहे हैं. खाद की लंबी-लंबी कतारों में लग रहे हैं, बावजूद उन्हें पर्याप्त मात्रा में खाद नहीं मिल रहा है. अब किसान धरना प्रदर्शन भी करने को मजबूर हैं. खाद की इस किल्लत को लेकर आज प्रदेश भर में किसान सड़क पर उतरेंगे. भारतीय किसान संघ के अध्य़क्ष आज सभी जिलों में कलेक्टर को ज्ञापन सौपेंगे.
भारतीय किसान संघ के अध्यक्ष सर्वज्ञ जी. दीवान के अनुसार प्रदेश में गेहूं चना सहित रबी फसलों की बोवनी चल रही है. किसानों को यूरिया और डीएपी की जरुरत है, लेकिन इसके बावजूद भी किसानों को पर्याप्त मात्रा में खाद नहीं मिल रहा है. किसानों को बाजारों से महंगे दामों पर खाद खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है.
बाजार में कालाबाजारी करने वाले व्यापारी किसानों को 1350 रुपये की खाद 1850 रुपये में बेच रहे हैं. ऐसे ही मामले में दो दिन पहले ही भोपाल के बैरसिया में कार्यवाही कर दुकानदार के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के साथ ही दुकान को भी सील कर दिया गया है.
खाद के लिए मारपीट तक की नौबत
खाद के लिए किसान घंटों कतार में लग रहे हैं, फिर भी उन्हें पर्याप्त मात्रा में खाद नहीं मिल पा रहा है. अब तो नौबत यह आ गई है कि किसानों से मारपीट तक हो रही है. तीन दिन पहले टीकमगढ़ जिले में खाद वितरण केन्द्र पर जमकर हंगामा हुआ था. ग्राम डूंडा से खाद लेने आई नेहा लोधी के साथ महिला कांस्टेबल चंद्रमुखी ने मारपीट की थी. इसके बाद लड़की के साथ आए परिजनों और अन्य किसानों ने वितरण केंद्र पर हंगामा शुरू कर दिया.
इसी तरह भोपाल की बैरसिया मंडी में खाद नहीं मिलने से 3 दिन पहले किसानों ने हंगामा कर दिया था. जिसके बाद एसडीएम और पुलिस को मोर्चा संभालना पड़ा था. वहीं सागर के बंडा में खाद की किल्लत को लेकर किसान, पूर्व विधायक तरवर सिंह लोधी के साथ मंडी परिसर में ही धरने पर बैठ गए थे.
खाद को लेकर कालाबाजारी भी जारी
खाद की किल्लत का फायदा उठाते हुए अब दुकानदार खाद की कालाबाजारी पर आ गए हैं. 1350 रुपये की डीएपी खाद की बोरी 1850 रुपये में बेची जा रही है. इसका उदाहरण दो दिन पहले ही राजधानी भोपाल से सटे बैरसिया में देखने को मिला, जहां प्रशासन को खाद की कालाबाजारी किए जाने की सूचना मिली थी.
सूचना के बाद एसडीएम आशुतोष शर्मा ने मौके पर तहसीलदार करुणा दंडोतिया और वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी पीएस गोयल को जांच के लिए मौके पर भेजा.
जांच में यह पाया कि गौर कृषि सेवा केन्द्र के संचालक द्वारा डीएपी खाद, जिसका शासकीय विक्रम मूल्य रुपये 1350 रुपये प्रति बोरी है, जबकि उसे विक्रेता द्वारा 1850 रुपये में बेचा जा रहा था. इसी तरह यूरिया खाद की बोरी, जिसका शासकीय विक्रय मूल्य 267 रुपये है, उसे विक्रेता द्वारा 340 रुपये में बेचा जा रहा था. जिस पर दुकानदार पर एफआईआर दर्ज करने के साथ ही दुकान को भी सील कर दिया गया.
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