Bhopal News: मध्य प्रदेश में अब सड़क निर्माण में हाईटेक सिस्टम का उपयोग शुरू किया गया है. इसकी शुरुआत राजधानी भोपाल के नजदीकी जिले सीहोर से हुई है. सीहोर में एफडीआर तकनीक से सड़क का निर्माण किया जा रहा है. एफडीआर पद्धति से बनने वाली यह प्रदेश की यह पहली सड़क होगी. इस पद्धति से सड़क निर्माण में आने वाली लागत आधी रह जाती है, जबकि इससे बनी सड़क की मजबूती भी अन्य सड़क की तुलना में दोगुना होती है.


श्यामपुर को सीहोर से जोड़ने वाली सड़क बन रही इस प्रणाली से 


बता दें श्यामपुर को सीहोर से जोड़ने वाली सड़क का निर्माण फुल डेप्थ रिक्लेमेशन एफडीआर तकनीक से किया जा रहा है. इस तकनीक से बनने वाली यह प्रदेश की पहली सड़क है. सामान्य तकनीक से छह मीटर चौड़ी और एक किलोमीटर लंबी सड़क बनाने में करीब सवा करोड़ रुपये का खर्च आता है, जबकि एफडीआर पद्धति से सड़क के निर्माण में 40 से 50 फीसदी कम लागत आती है और यह सामान्य से दोगुनी मजबूत भी होती है. 


एफडीआर पद्धति से बनेगी 24 किलो मीटर सड़क


बता दें सीहोर-श्यामपुर के बीच 24 किलोमीटर लंबी और छह मीटर चौड़ी सड़क का निर्माण किया जा रहा है. सड़क के निर्माण में करीब 29 करोड़ रुपये की लागत आएगी. इस सड़क निर्माण का काम लगभग अंतिम चरण में चल रहा है. निर्माण एजेंसी के इंजीनियर के अनुसार, फुल डेप्थ रिक्लेमेशन एफडीआर एक रिसाइकिलिंग पद्धति है, इसमें बहुत ही कम संसाधनों में टिकाऊ सड़क बनाई जा सकती है.


इसमें कच्ची सड़क को उखाडक़र सड़क में से निकलने वाले मटेरियल को प्लांट पर ले जाया जाता है. यहां पर सड़क के वेस्ट मटेरियल में केमिकल व आवश्यक सामग्री के साथ मिलाकर नया मटेरियल तैयार कर वापस से सड़क पर लगाकर डाला जाता है. इसके बाद सड़क की धूल हवा के प्रेशर से अच्छी तरह साफ करने के बाद उस पर कपड़े को बिछाया जाता है, ताकि वह मॉइश्चराइजर्स को ऑबजर्व कर सके. इसके बाद उसके ऊपर डामर का छिड़काव किया जाता है और फिर मटेरियल को उस पर डालकर रोलर चलाया जाता है. इसके लिए विशेष मशीन की जरूरत होती है.


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